जुमे की नमाज के बाद लोगों से जरुरतमंदों की मदद की अपील
सरूरपुर। संवाददाता अलविदा जुमे की नमाज शुक्रवार को घरों में ही अदा की गई,...
सरूरपुर। संवाददाता
अलविदा जुमे की नमाज शुक्रवार को घरों में ही अदा की गई, जबकि मस्जिदों में चंद लोगों ने अदा की। कोरोना से बचाव के लिए बरती जा रही सावधानी के चलते फिलहाल मस्जिदों में सामूहिक इबादत की मनाही है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घर में ही अलविदा जुमे की नमाज अदा करने की अपील की थी। लोगों ने मुल्क की सलामती के लिए दुआ की गई।
कोरोना आपदा के बीच क्षेत्र में ईद पर नए कपड़े, जूतों पर खर्च होने वाली रकम से जरुरतमंदों की मदद करने की मुहिम तेजी से जोर पकड़ रही है। हर्रा रहमानी मस्जिद के इमाम मौलाना सलमान ने अपील करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी के इस दौर में हमें गरीबों को नहीं भूलना चाहिए। कहा कि अपनी जान और माल का सदका जरुरतमंदों को अदा करें। वहीं, बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सार्वजनिक रूप से यह ऐलान कर रहे हैं कि वह ईद पर नए कपड़े नहीं खरीदेंगे, बल्कि इस रकम से गरीबों, जरुरतमंदों की मदद करेंगे। उलेमा की अपील और कुछ नौजवानों की मुहिम का असर यह हुआ कि लगातार लोग आगे आकर ईद पर खर्च होने वाली रकम से दूसरों की मदद का ऐलान कर रहे हैं। अलविदा जुमे के मौके पर मुफ्ती लुकमान और मौलाना यूसुफ मसूद कासमी ने लोगों से कहा कि ईद आपसी मिलन और भाईचारे का त्योहार है। पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है, लिहाजा मुस्लिमों को बिना खरीदारी किए उस पैसे से गरीब और असहाय लोगों की मदद कर त्योहार मनाना चाहिए। दूसरों की मदद से बढ़कर कोई अमल नहीं है। जो लोग इस मुहिम से जुड़ रहे हैं, वह हकीकत में मुबारकबाद के हकदार हैं। वहीं, उलामा ने लोेगों से अलविदा जुमें की तरह ईद की नमाज भी घरों में ही पढ़ने की अपील की।