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बीएवी के ओल्ड ब्वायज लेकर आए यादों की बारात

गुददुदाती यादें, हंसाती यादें, रुलाती यादें तो कभी यादें। कभी बीते दिनों का खुमार तो कभी दिल में हूक उठाती यादों की खुमारी। तभी तो सुभाष बाजार स्थित बीएवी इंटर कॉलेज प्रांगण में रविवार 80-85 साल के...

बीएवी के ओल्ड ब्वायज लेकर आए यादों की बारात
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 08 Jan 2018 02:05 AM
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गुदगुदाती यादें, हंसाती यादें, रुलाती यादें तो कभी यादें। कभी बीते दिनों का खुमार तो कभी दिल में हूक उठाती यादों की खुमारी। तभी तो सुभाष बाजार स्थित बीएवी इंटर कॉलेज प्रांगण में रविवार 80-85 साल के ‘ओल्ड ब्वायज भी बच्चों से खिलखिला रहे थे। किसी समय अपनी शिक्षा और खेलकूद में देश के नक्शे पर चमकने वाले बीएवी इंटर कॉलेज में रविवार पहला ‘ओल्ड ब्वायज एसोसिएन एल्युमिनी हुआ। इसमें देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंचे लोगों का समागम हुआ।

मेरठ के लोग कुछ भी कर सकते हैं

कार्यक्रम में आए मिजोरम के राज्यपाल ले. जनरल(रिटा.) निर्भय शर्मा ने कहा कि हालांकि मैं कभी पढ़ाई में बहुत अव्वल नहीं था, लेकिन हॉकी में आगे रहता था। कहा कि 1962 के बाद पहली बार अपनी शिक्षास्थली बीएवी इंटर कॉलेज में आया हूं। बहुत कुछ बदल गया, लेकिन अपनापन और प्यार ज्यों का त्यों है। राज्यपाल ने जॉली एलएलबी फिल्म के डायलाग ‘मेरठ का हूं अपनी पर आ गया तो कुछ भी कर सकता हूं का उदाहरण देते हुए यहां के लोगों के आत्मविश्वास को सराहा। कहा कि हर क्षेत्र में यहां के लोगों की ताकत देखकर गर्व होता है। ले. जनरल (रिटा.) निर्भय शर्मा ने छात्रों से लक्ष्य बनाकर मेहनत करने को कहा। उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर लेने से आधा काम खत्म हो जाता है। उन्होंने अभिभावकों से भी करियर में बच्चों की इच्छा का सम्मान करने का सुझाव दिया। राज्यापाल शर्मा ने हाथ जोड़कर अपने केमिस्ट्री के टीचर रहे जेएस त्यागी का अभिवादन किया।

जब नसीम जैदी ने गाया था ‘कि मेरा प्रेम पत्र पढ़कर...

देश में निर्वाचन की सर्वोच्च संस्था चुनाव आयोग के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी की आंखों में जैसे 1964 की सीन उतर आया हो। यादों की एल्बम खुली तो सामने उनके अध्यापक नेत्रपाल शर्मा की फोटो थी। बताया कि जब उनके नेत्रपाल सर ने हॉबी पूछी तो उन्होंने गाना बताया। इसके बाद उन्होंने ‘कि मेरा प्रेम पत्र पढ़कर तुम नाराज ना होना सुनाया। इसके बाद अध्यापकों ने हर साल नसीम जैदी को रंगारंग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने छात्रों से कहा कि अभाव या परेशानियों से कभी हारना नहीं चाहिए। हमने कभी अपने आपको लोवर या लोवर मिडिल क्लास नहीं माना। कहा कि हम दुखहरण शर्मा को क्लास में सुखहरण कहा करते थे।

बच्चों से चहकते रहे दुखहरण

एल्युमिनी मीट के संयोजक और 1971 बैच के दुखहरण शर्मा कार्यक्रम का संचालन बहुत ही मजेदार और हल्के-फुल्के ढंग से करते रहे। उन्होंने मशहूर शायर राजेश रेड्डी का शेर खुद के अहसासों के साथ सुनाया। ‘यहां हर पल हर शख्स हादसा होने से डरता है। खिलौना मिट्टी का है, जो फना होने से डरता है।। मेरे दिल किसी कोने में कोई मासूम सा बच्चा। बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है।। उन्होंने अपने गुरुजनों की यादें भी साझा की।

गुरुओं से पिटकर ही यहां तक पहुंचे: डॉ. लक्ष्मीकांत

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बीएवी से 1967 में इंटरमीडिएट करने वाले डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि तब का माहौल आज से पूरी तरह अलग था। अगर घर में पता चल जाता था कि स्कूल में पिटाई हुई है तो घर में भी मार पड़ती थी। कहा कि एक बार शरारत करने पर दोस्तों के साथ उन्हें भी हाथ पर स्केल से पिटाई हुई थी। कहा कि उनके जीवन में गुरुओं का विशेष महत्व है। पुराने दिनों को याद कर डॉ. लक्ष्मीकांत काफी भावुक नजर आए।

यूएनओ का ऑडिट करता है कैग

बीएवी के छात्र रहे रिटा. डिप्टी कैग अनुपम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दुनिया भारत की ऑडिट प्रणाली का लोहा मानती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ऑडिट में भारत पर आंख मूंदकर विश्वास करता है। कहा कि दुनिया में ऑडिट में डिजिलाइजेशन का श्रेय भारत को जाता है। कैग ही दुनिया के ऑडिट अधिकारियों को ट्रेंड करता है। कहा कि बीएवी में आकर इतनी खुशी मिली है, जिसे शब्दों में बयान कर पाना मुमकिन नहीं है।

कुरैशी ने 1950 में किया था हाईस्कूल

एल्युमिनी मीट में सबसे ‘ओल्ड ब्वॉय वाईएम कुरैशी रहे, जिन्होंने 1950 में बीएवी से हाईस्कूल किया था। इसके बाद उन्होंने लंदन से भी पढ़ाई की।

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