एमएड कॉलेजों में प्रवेश को अब अलग एंट्रेंस नहीं
चौ. चरण सिंह विवि ने कैंपस और कॉलेजों में एमएड में प्रवेश के लिए वर्षों से जारी अलग-अलग प्रवेश परीक्षा को खत्म कर दिया है। कैंपस से कॉलेजों तक एमएड सत्र 2020-21 में प्रवेश को पहली बार एक ही एंट्रेंस...
चौ. चरण सिंह विवि ने कैंपस और कॉलेजों में एमएड में प्रवेश के लिए वर्षों से जारी अलग-अलग प्रवेश परीक्षा को खत्म कर दिया है। कैंपस से कॉलेजों तक एमएड सत्र 2020-21 में प्रवेश को पहली बार एक ही एंट्रेंस टेस्ट होगा। एंट्रेंस और एकेडमिक के अंकों से तैयार मेरिट के बाद छात्रों को काउंसिलिंग में कैंपस, एडेड एवं सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों का विकल्प लेना लेगा। विवि के इस फैसले से ना केवल कैंपस से कॉलेज तक एमएड में प्रवेश प्रक्रिया एक प्लेटफॉर्म पर लिंक हो गई है बल्कि छात्रों को एक ही कोर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने के झंझट से मुक्ति भी मिल गई है।
विवि कैंपस और कॉलेजों में दो वर्षीय एमएड कोर्स चलता है। कैंपस में एमएड की 25 जबकि कॉलेजों में 15 सौ सीटें हैं। विवि में 34 एडेड एवं सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं। बीते वर्षों में विवि कैंपस और कॉलेजों में एमएड के अलग-अलग एंट्रेंस टेस्ट कराता था। इससे छात्र को दो अलग-अलग फॉर्म भरने थे। विवि को भी एक कोर्स के लिए दो प्रवेश प्रक्रिया करानी पड़ती थी, साथ ही छात्र कैंपस एवं कॉलेज के एंट्रेंस से असमंजस में रहते थे लेकिन विवि ने इस वर्ष से यह व्यवस्था बदल दी है। विवि के नोटिफिकेशन के अनुसार, कैंपस एवं कॉलेजों में एमएड सत्र 20-21 के लिए केवल एक एंट्रेंस टेस्ट होगा। यह टेस्ट जुलाई में प्रस्तावित है। विवि के अनुसार एमएड का यह एंट्रेंस टेस्ट कैंपस की 25 और कॉलेजों की 15 सौ सीटों के लिए होगा। टेस्ट 250 अंकों का होगा। इसमें 50 प्रश्न हिन्दी या अंग्रेजी भाषा के होंगे। सौ प्रश्न तर्क क्षमता एवं सौ विषय से रहेंगे। 50 अंक एकेडमिक वेटेज के रहेंगे। ऐसे में यह टेस्ट तीन सौ अंकों का रहेगा। विवि के अनुसार एंट्रेंस टेस्ट और एकेडमिक वेटेज के बाद फाइनल मेरिट बनेगी। प्रवेश काउंसिलिंग से होंगे। इसमें छात्रों से विकल्प लिए जाएंगे। जो छात्र कैंपस, एडेड या सेल्फ फाइनेंस कॉलेज का विकल्प चुनेंगे उन्हें उनकी मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।