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सोतीगंज में 9 घंटे कार्रवाई, एसयूवी गाड़ियां टुकड़ों में मिली

आईपीएस अफसर एएसपी डॉ. ईरज राजा के नेतृत्व में सोतीगंज में करीब नौ घंटे तक छापामार कार्रवाई चली। जो एसयूवी गाड़ियां शोरूम की शान होती हैं, वे यहां...

सोतीगंज में 9 घंटे कार्रवाई, एसयूवी गाड़ियां टुकड़ों में मिली
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 07 Nov 2020 03:13 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

आईपीएस अफसर एएसपी डॉ. ईरज राजा के नेतृत्व में सोतीगंज में करीब नौ घंटे तक छापामार कार्रवाई चली। जो एसयूवी गाड़ियां शोरूम की शान होती हैं, वे यहां टुकड़ों में मिली। एक गोदाम में इंजन था तो दूसरे गोदाम में उसके दूसरे पाटर्स रखे हुए थे। सभी की फोरेंसिक जांच होगी। इसके बाद स्पष्ट होगा कि ये गाड़ियां यहां तक कैसे आईं।

एएसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि हाजी इकबाल बड़ा कबाड़ी है। पटेलनगर में उसका घर है। छह दिन पहले पुलिस जांच करने घर पहुंची। इस दौरान थार, इनोवा, बुलेरो जैसी छह महंगी गाड़ियां उसके घर में खड़ी मिलीं। पुलिस को संदिग्ध लगा तो निवाड़ी से फोरेंसिक लैब के एक्सपटर्स शुक्रवार दोपहर एक बजे जांच करने के लिए आए। एफएसएल एक्सपटर्स ने सभी गाड़ियों के इंजन नंबर, चेसिस नंबर की बारीकी से पड़ताल की।

इस दौरान खबर आई कि हाजी इकबाल के दो गोदाम सोतीगंज में हैं। यदि वहां की जांच की जाए तो कुछ बड़ा हाथ लग सकता है। इस सूचना पर एएसपी डॉ. ईरज राजा एफएसएल टीम और सदर बाजार पुलिस को लेकर सोतीगंज पहुंच गए। मुख्य रास्ते पर चार मंजिला गोदाम को खुलवाया तो आंखें खुली रह गईं। भूतल से लेकर चौथी मंजिल तक महंगी-महंगी कार के पाटर्स और बॉडियां रखी हुई थीं। यहां करीब 45 गाड़ियों के इंजन पाए गए। जांच की गई तो ज्यादातर एसयूवी गाड़ियों के इंजन थे।

इसके बाद पुलिस आयशा मस्जिद के बराबर में दूसरे गोदाम पर पहुंची। पुलिस को यहां से 100 से ज्यादा गाड़ियों के चेसिस नंबर रखे मिले। करीब 50 गाड़ियों की डिवाइस (सेंट्रल लॉक) भी बरामद हुए हैं। यह सब कहां से आया, कोई कुछ नहीं बता पाया। क्योंकि हाजी इकबाल व उसके दोनों बेटे फरार हैं। फिलहाल पुलिस ने दोनों गोदामों को सील कर दिया है।

गाड़ी मालिकों तक ऐसे पहुंचेगी पुलिस

एएसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि प्रत्येक गाड़ी के सेंट्रल लॉक का एक बार कोड होता है। कंपनी इस बार कोड से बता सकती है कि किस गाड़ी को सेंट्रल लॉक अलॉट हुआ था। इसके जरिये पुलिस गाड़ी मालिक तक पहुंचेगी। वहां से पता चलेगा कि उनकी गाड़ी कहां गई। इस तरह जितने भी सेंट्रल लॉक गोदाम से मिले हैं, उनके बार कोड से कंपनियों से जानकारी हासिल करके गाड़ी मालिक तक पहुंचा जाएगा। चेसिस और इंजन नंबर से गाड़ी तक पहुंचने में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके लिए सेंट्रल लॉक, चेसिस नंबर एफएसएल लैब निवाड़ी भेजे जाएंगे।

लखनऊ से वांटेड हैं इकबाल के दोनों बेटे

लखनऊ पुलिस ने करीब चार महीने पहले अंतरराज्यीय वाहन चोरों का भंडाफोड़ किया। इनके कब्जे से पांच करोड़ रुपये कीमत की 50 लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई थीं। मेरठ का अबरार और अफजाल इस केस में वांटेड हैं। दोनों हाजी इकबाल के बेटे हैं। खुलासा हुआ था कि चोरी की गाड़ियों के इंजन व चेसिस नंबर बदलकर उनके फर्जी कागज तैयार किए जाते हैं और फिर उन्हें नेपाल तक बेचा जाता है।

इकबाल को किसका संरक्षण

पुलिस की एकाएक इस कार्रवाई से अब तक की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। अभी तक पुलिस की नजर में इकबाल पाक साफ था। उस पर कोई मुकदमा भी नहीं है। सिर्फ बेटों पर लखनऊ में मुकदमा है, लेकिन उसका स्टेटस भी लोकल पुलिस को नहीं पता। ऐसे में जाहिर है कि कबाड़ी हाजी इकबाल को अब तक संरक्षण मिल रहा था। संरक्षण की बदौलत ही उसने बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया।

महिलाओं ने किया विरोध

एएसपी ने बताया कि हाजी इकबाल के घर और गोदाम पर कार्रवाई के दौरान उसके घर की महिलाओं ने विरोध किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों से अभद्रता की। इस दौरान महिला पुलिस को बुलाकर उन महिलाओं को जीप में बैठाया गया और घर तक छुड़वा दिया गया, ताकि कार्रवाई में अवरोध न आए।

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