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हनुमान जयंती पर बन रहा 430 साल बाद अद्भुत संयोग

इस बार आठ अप्रैल को हनुमान जयंती है। लॉकडाउन के चलते जहां मंदिर बंद हैं तो वहीं इस बार हनुमान जयंती पर शोभायात्राएं व भंडारों का भी आयोजन नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त...

हनुमान जयंती पर बन रहा 430 साल बाद अद्भुत संयोग
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 06 Apr 2020 02:18 AM
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इस बार आठ अप्रैल को हनुमान जयंती है। लॉकडाउन के चलते जहां मंदिर बंद हैं तो वहीं इस बार हनुमान जयंती पर शोभायात्राएं व भंडारों का भी आयोजन नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। इस हनुमान जयंती पर इस प्रकार के योग 430 वर्ष बाद आ रहे हैं।

सिद्धपीठ हनुमान मंदिर बुढ़ाना गेट के प्रबंधक गौरव पाठक ने बताया कि लोकडाउन के चलते मंदिर बंद है। इस बार शोभायात्रा नहीं निकालेंगे और विशाल स्तर पर भंडारे भी नहीं होंगे। बड़ा हनुमान मंदिर कंकरखेड़ा के मुख्य पुजारी पंडित विनोद त्रिपाठी ने बताया कि लोग घर में ही हनुमान जी की पूजा अर्चना करें। सुंदरकांड का पाठ तथा हनुमान चालीसा का जाप विशेष फलदायी है।

ज्योतिषविद् भारत ज्ञान भूषण कहते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को हुआ। इसके पांच दिन बाद उनकी सेवा के लिए भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार हनुमान जी के रूप में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर प्राकट्य हुए। ऐसे राम भक्त हनुमान की जयंती ब्रह्मचर्यपूर्वक राम, सीता, हनुमान का जाप करते हुए हनुमान जी के चरित्र का बखान कीर्तन करते हुए करनी चाहिए।

महाबलि की विशेष कृपा को यह करें विशेष

- हनुमान जी की पूजा प्रातः ही करें।

-सिंदूर का अथवा लाल कपड़े का चोला प्रातः ही चढ़ाएं।

- हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं।

- स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं।

- प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं।

- गाय के घी के दीपक को अर्पित करें।

- दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज न खाएं।

- ऊर्जा उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदर काण्ड का पाठ करें।

- पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होते हैं।

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