कन्या सुमंगला योजना में अपात्रों के 2000 आवेदन निरस्त
कन्या सुमंगला योजना में अब तक 9000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभिन्न कमियों के चलते दो हजार आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है जबकि कोरोना काल से पहले 2214 कन्याओं को योजना से लाभांवित किया जा चुका है।...

कन्या सुमंगला योजना में अब तक 9000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभिन्न कमियों के चलते दो हजार आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है जबकि कोरोना काल से पहले 2214 कन्याओं को योजना से लाभांवित किया जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द बजट जारी होगा और बाकी पात्र कन्याओं को भी लाभ दिया जाएगा।
महिला कल्याण विभाग उप्र द्वारा एक अप्रैल-2019 से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई। योजना की लांचिंग 25 अक्टूबर को की गई। मेरठ जिले को 34 हजार बेटियों को लाभांवित करने का लक्ष्य मिला है। योजना के तहत आवेदन, जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। योजना के तहत छह श्रेणियों में बेटियों को 15 हजार की धनराशि प्रदान की जाती है। इनमें प्रथम श्रेणी में बालिका के जन्म के उपरांत दो हजार, द्वितीय श्रेणी एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के बाद एक हजार, तृतीय श्रेणी में कक्षा प्रथम में प्रवेश के उपरांत दो हजार, चतुर्थ श्रेणी कक्षा छह में प्रवेश के बाद दो हजार, पांचवीं श्रेणी कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के बाद तीन हजार व छठी श्रेणी में स्नातक अथवा दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के उपरांत पांच हजार की एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाती है।
ये है पात्रता
लाभार्थी का परिवार प्रदेश का निवासी हो। उसके पास स्थानीय निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें कार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, विद्युत और फोन का बिल मान्य होगा। लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम तीन लाख हो। एक परिवार की दो ही बालिकाओं को योजना का लाभ मिलेगा। लाभार्थी के परिवार में अधिकतम दो ही बच्चे हों।
कन्या सुमंगला योजना में 2000 आवेदन ऐसे पाए गए जो कि कुछ अपात्र थे और कुछ आवेदनों में कई खामियां थी जिसके चलते उन्हें निरस्त कर दिया गया है। साथ ही योजना का प्राप्त लक्ष्य पूर्ण करने के लिए कार्य संचालित किया जाएगा।
- शत्रुघ्न कनौजिया, जिला प्रोबेशन अधिकारी
