मनमानी: पहले आरटीआई में सूचना नहीं दी, जुर्माना भी अदा नहीं किया
- बेसिक शिक्षा परिषद में जिले के अधिकारियों से मांगी थी जानकारी
मेरठ। हमारे संवाददाता
बेसिक शिक्षा के अधिकारी आरटीआई के तहत सूचना नहीं देते। राज्य आयोग के आदेश के अनुसार जुर्माना अदा भी नहीं करते। ऐसे एक नहीं कई मामले सामने आ चुके हैं। फिर भी महकमे के मुख्यालय से कार्रवाई नहीं हुई।
ताजा मामला बटजेवरा विद्यालय के शिक्षक संजय कुमार का है। संजय ने वर्ष 2015 में अनुदेशकों की भर्ती और तैनाती के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी। उस समय मोहम्मद इकबाल बीएसए थे। आरटीआई लगातार टाली जाती रही। शिक्षक हर बार अपील करते रहे। करीब एक माह पहले राज्य सूचना आयुक्त ने तत्कालीन बीएसए और वर्तमान में तैनात एबीएसए पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। मगर इसकी वसूली नहीं की गई। शिकायतकर्ता का कहना है कि मांगी गई सूचना नहीं दी गई। इस पर लगाया गया जुर्माना भी वसूल नहीं किया गया। इस मामले को कई बार अफसरों के सामने उठाया लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। न तो सूचना मिली और न ही सूचना नहीं देने वालों पर कार्रवाई हुई।
अनिल कुमार ने वर्ष 2016 में शिक्षकों के समायोजन की जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी थी। लंबा समय चक्कर काटते हुए बीत गया। राज्य सूचना आयोग से कई बार अपील के बाद अधिकारियों पर 10-10 हजार का जुर्माना लगाया गया। इस बात को भी काफी समय गुजर गया। स्थिति बताने को कोई तैयार नहीं है।
माया प्रकाश शर्मा का वर्ष 2016 के मार्च माह में रिटायरमेंट था। जनवरी में आरटीआई के तहत प्रमोशन के संबंध में जानकारी मांगी। दफ्तर आते-जाते सेवानिवृत्त हो गए। न तो जवाब का पता चला और न ही जुर्माना चुकाने का कोई पता चल पाया है।