पीएम मातृत्व वंदन योजना का कार्य देखेंगी कार्यकत्रियां
गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पीएम मातृ वंदन योजना का संचालन अब बाल विकास विभाग...
मऊ। गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पीएम मातृ वंदन योजना का संचालन अब बाल विकास विभाग करेगा। अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास ये जिम्मेदारी थी। योजना में गर्भवती महिला को पहला बच्चा होने पर 5000 रुपये और दूसरा बच्चा बेटी है तो उसे तीन किस्त में 6000 रुपये दिये जाते हैं।
वर्ष 2017 से संचालित पीएम मातृ वंदन योजना शुरुआत से ही बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच फंसी रही है। लेकिन अभी तक इसका संचालन स्वास्थ्य विभाग ही करता है। आशा बहुओं के जरिये से गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ मिलता है। लेकिन शासन के निर्देश के क्रम में अब गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ बाल विकास विभाग के मार्फत होगा। गर्भवती महिलाओं के रजिस्ट्रेशन का काम आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां करेंगी। इसमें वंचित और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं को पोषण के लिए आर्थिक मदद की जाती है। रजिस्ट्रेशन के समय 1000 रुपये, जांच के समय 2000 रुपये और बच्चे के जन्म के समय डीबीटी के माध्यम से गर्भवती महिला के बैंक खाते में भेजा जाता है। महिला का दूसरा बच्चा बेटी होती है तो भी 6000 रुपये की मदद तीन किस्त में मिलती है।
आंगनबाड़ी और आशा की हो रही मैपिंग
मऊ। बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य को लेकर मिलकर काम करेगा। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा बहुओं की मैपिंग कराई जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि डाटा में कोई अंतर नहीं रहे।
पोर्टल से डीपीओ व सीडीपीओ को जोड़ा गया
मऊ। महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से इस योजना को जोड़े जाने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को इस पोर्टल से जोड़ दिया गया है। जबकि सुपरवाइजर को पोर्टल से जोड़ने का काम चल रहा है। सुपरवाइजर को पोर्टल से जोड़ने के बाद सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्त्रियों को पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
जिम्मेदारी बाल विकास विभाग को मिली
पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी बाल विकास विभाग को मिली है। अब आंगनबाड़ी केन्द्रों से गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित योजना की औपचारिकता पूरी हो रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी और आशा बहुओं की मैपिंग कराई जा रही है, ताकि डाटा में किसी प्रकार का अंतर नहीं हो।
- अजित कुमार सिंह, डीपीओ, मऊ।
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