जनपद के कई समितियों पर हफ्तेभर से यूरिया गायब
Mau News - मऊ जिले में 92 साधन सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को यूरिया खाद की उपलब्धता होनी चाहिए, लेकिन कई केन्द्रों पर यूरिया की किल्लत है। किसान महंगे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। किसानों ने...

मऊ। जिले में संचालित 92 साधन सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। लेकिन हाल ये है कि कहीं समितियों पर यूरिया मिल रही है तो कई केन्द्रों पर गोदाम खाली है। वहीं, कई केन्द्रों पर तो अबतक यूरिया की एक बोरी भी नहीं पहुंच पाई है। जिले के अधिकतर केन्द्रों पर यूरिया की एक खेप बंटने के बाद दूसरी खेप के इंतजार में किसान समितियों का चक्कर लगा रहे हैं। जबकि खुले बाजारों की दुकानों पर धड़ल्ले से यूरिया की महंगे दामों पर बिक्री हो रही है। किसानों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सभी समितियों पर यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है। चिरैयाकोट संवाद के अनुसार साधन सहकारी समीति करमी/समाऊद्दीनपुर के केन्द्र प्रभारी सत्येन्द्र श्रीवास्तव ने बताया जिले पर खाद का स्टाक प्रर्याप्त होने और डिमांड भेजे जाने के बावजूद खाद गोदाम पर नहीं भेजी जा रही है, जिसके चलते आए दिन उपभोक्ताओं की खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। सुरेश यादव, बलिराम सिंह आदि किसानों ने बताया कि क्षेत्र के सरकारी गोदामों पर यूरिया की किल्लत के चलते किसान सुबह से शाम तक गोदाम का चक्कर काट रहे हैं। समस्या से क्षेत्रीय किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सरकारी गोदामों पर अविलंब यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है।
दोहरीघाट संवाद के अनुसार ब्लॉक क्षेत्र के साधन सहकारी समिति गोंठा पर इस सीजन में अबतक एक छटांक भी यूरिया नहीं आई है। इसी तरह क्षेत्र के अन्य समितियों पर भी यूरिया खाद नदारद है। किसान अजय यादव, अमरेंद्र यादव, सुनील चौहान, दिनेश राय, राभवन आदि ने कहा कि निजी दुकानदार सरकारी यूरिया खाद को महंगे दामों पर बेच रहे हैं। फसल यूरिया खाद के आभाव में खराब न हो इसके लिए किसान महंगे दामों पर यूरिया खाद खरीदने को विवश हैं। वहीं, साधन सहकारी समिति गोंठा के सचिव अनिल राय ने बताया यूरिया खाद के लिए डिमांड भेजी गई है, लेकिन अभी आई नहीं है। जैसे ही खाद आ जाएगी, उसका वितरण कर दिया जाएगा।
गोदाम में यूरिया के बावजूद वितरण नहीं होने से रोष
अमिला। साधन सहकारी समिति अमिला कोट पर यूरिया का वितरण नहीं होने से किसानों में आक्रोश है। किसान महंगे दामों पर यूरिया बाजार से खरीदने को विवश हैं। जबकि समिति पर लगभग 700 बोरी यूरिया की रैक बीते शुक्रवार को आकर गोदाम में रखी हुई है। किसानों ने बताया कि केंद्र प्रभारी आजकल कहकर टरका रहे हैं। सुबह होते ही किसानों के पहुंचते ही केंद्र प्रभारी कार्यालय बंदकर फरार हो जा रहे हैं। जिसे लेकर किसान समिति का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं। उधर, खेतों में सिंचाई के बाद समय से यूरिया का छिड़काव नितांत आवश्यक है। जिसे लेकर किसानों में आक्रोश बना हुआ है।
डिमांड के अनुसार यूरिया भेजी जा रही
जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। 13 हजार 831 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष जिले में 10 हजार 19 एमटी यूरिया उपलब्ध है। इसमें से 5161 एमटी यूरिया का वितरण समितियों के माध्यम से कराया जा चुका है। जबकि पीसीएफ के बफर गोदाम में कुल 4461 एमटी यूरिया का स्टाक मौजूद है। समितियों से मिल रही डिमांड के अनुसार यूरिया भेजी जा रही है।
जगदीश प्रसाद वर्मा, सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता, मऊ
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