फसल की रखवाली को अन्नदाता बन रहे चौकीदार
दोहरीघाट ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में छुट्टा पशुओं का डर इस कदर व्याप्त है कि किसान रातों को भी खेतों पर मचान व बाड़े बनाकर फसल की सुरक्षा...
कोरौली। हिन्दुस्तान संवाद
दोहरीघाट ब्लाक क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में छुट्टा पशुओं का डर इस कदर व्याप्त है कि किसान रातों को भी खेतों पर मचान व बाड़े बनाकर फसल की सुरक्षा कर रहे हैं। कहने के लिए यहां पर दो स्थाई गोशाला के साथ दर्जनों अस्थाई गोआश्रय केंद्र बनाए गए हैं। इसके बावजूद बेसहारा पशु किसान की फसलों को रौंद रहे हैं।
क्षेत्र के गोठा, फरसरा खुर्द, शाहपुर, हरिपरा, विशुनपूरा, कुरंगा, कोरौली, पाऊस सहित आदि गांवों में छुट्टा पशुओं की समस्या से किसान परेशान हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में पशु गेहूं की फसल पर टूट पड़ते हैं। फसल को बचाने के लिए जगह-जगह किसानों ने खेत का घेराव किया है। लेकिन उसके बावजूद भी पशु फसलों को रौंदने के साथ-साथ चट कर जा रहे हैं। ठंड के इस मौसम में फसलों की रखवाली के लिए जगह-जगह मचान बनाकर किसान रतजगा करने को मजबूर हैं। इस समय क्षेत्र के किसानों के लिए बेसहारा पशु बड़ी मुसीबत से कम नजर नहीं आ रहे हैं। खून-पसीना बहाकर किसान फसल पैदा करता है लेकिन,रात के समय बेसहारा पशु फसलों को चौपट कर देते हैं। इससे बचने के लिए किसान कई सारे जतन करते भी नजर आते हैं और किसानों को अपनी ही फसलों की रातों को रखवाली के लिए चौकीदार बनना पड़ रहा है लेकिन, इन सब जतनों से ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है। क्षेत्र के अजय राय, संदीप यादव, सत्येंद्र कुमार राय, देवेन्द्र यादव, सत्यजीत सिंह, रामवृक्ष चौहान सहित आदि दर्जनों गांवों के किसानों का कहना है कि अब फसलों की सुरक्षा राम भरोसे है। फसलों की सुरक्षा के सारे उपाय फेल हैं। किसानों ने बेसहारा पशुओं को पकड़कर गौशाला में भेजने की मांग की।