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सर्द हवा चलने से गलन बढ़ी, नहीं हुए सूर्य के दर्शन

Mau News - मऊ में ठंड और शीतलहर ने जन-जीवन को प्रभावित किया है। न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस है। ट्रेनों में देरी और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रैन बसेरों में अलाव...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊThu, 16 Jan 2025 12:01 AM
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सर्द हवा चलने से गलन बढ़ी, नहीं हुए सूर्य के दर्शन

मऊ। ठंड और शीतलहर से जन-जीवन काफी प्रभावित हो गया है। लगातार तीन दिनों से सूर्यदेव के दर्शन के लिए लोग तरस गए हैं। बुधवार को सुबह से ही सर्द हवा चलने से लोग ठिठुरे नजर आए। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्यिस दर्ज किया गया। वहीं, ट्रेनों के विलंबित होने और कुछ रोडवेज बसों की खिड़कियों के शीशे टूटे होने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, जबकि जिला अस्पताल में कोल्ड डायरिया समेत सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा रहा। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों के विलंब से पहुंचने के कारण कामकाज प्रभावित रहा। रैन बसेरों में लोगों ने अलाव के पर्याप्त इंतजाम की मांग उठाई है। जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में ठंड का असर काफी तेज हो गया है। बढ़ते ठंड और शीतलहर के कारण जन-जीवन काफी प्रभावित हो गया है। बुधवार अलसुबह पांच बजे तक कोहरा छाया रहा, आकाश में पूरे दिन बादलों के उमड़-घूमड़ के कारण लगातार तीन दिनों से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो रहे हैं। मौसम में आए बदलाव का व्यापक असर लोगों की दिनचर्या पर साफ दिखाई दिया। सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी से लेकर व्यापारी भी अपने घरों से देर से निकले। सरकारी कार्यालयों विकास भवन, कलक्ट्रेट, तहसील समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के विलंब से पहुंचने के कारण कामकाज पर भी असर दिखाई दिया। वहीं, भोर में कोहरा होने के कारण वाहनों की रफ्तार भी मंद रही। ठंड और शीतलहर के कारण ट्रेनों और रोडवेज बसों के संचालन पर भी प्रभाव दिखाई दिया। हाड़ कंपाने वाली ठंड से पटरी दुकानदार भी शाम पांच बजे के बाद अपनी दुकान समेटकर घरों की ओर रवाना होते नजर आए। ठंड के कारण सबसे ज्यादा प्रभाव रोज कमाने-खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा, ऑटो रिक्शा, ठेला और खोमचों पर दिखाई दिया। ग्रामीण अंचल स्थित पहसा, दोहरीघाट, मुहम्मदाबाद गोहना, मधुबन, चिरैयाकोट, कोईरियापार, नदवासराय, कोपागंज, पूराघाट, घोसी, रानीपुर आदि स्थानों पर भी ठंड और शीतलहर के कारण जन-जीवन काफी प्रभावित रहा। ग्रामीण अंचलों में ठंड के कारण पशुपालकों और किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

चार घंटे देरी से पहुंची लिच्छवी एक्सप्रेस, यात्री रहे परेशान

मऊ। ठंड और शीतलहर से ट्रेनों के आवागमन पर काफी असर पड़ रहा है। ट्रेनों के विलंबित होने के कारण रेलयात्री काफी परेशान दिखे। वैसे तो बुधवार को मऊ जंक्शन से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनें अपनी निर्धारित समय से ही निकलीं, लेकिन आनंद बिहार से सीतामढ़ी जाने वाली 14006 लिच्छवी एक्सप्रेस चार घंटे की देरी से मऊ स्टेशन पर पहुंची। ऐसे में इस ट्रेन से सीतामढ़ी तक यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जबकि, मुम्बई जाने वाली 19092 बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से तीन घंटा की देरी से मऊ जंक्शन पर पहुंची। इस दौरान रेल यात्रियों को कड़ाके की ठंड के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों को हो रहा उपचार

मऊ। ठंड बढ़ने के साथ ही जिला अस्पताल समेत सीएचसी, पीएचसी पर ठंड जनित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो गया है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. धनंजय कुमार ने बताया कि प्रतिदिन औसतन 500 से 600 मरीजों ओपीडी में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। ठंड से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बच्चे कोल्ड डायरिया, निमोनिया, खांसी, जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ 55 से 60 वर्ष के बीच के बुजुर्गों में बढ़ती ठंड के कारण ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और सांस लेने में परेशानी आदि की शिकायत ज्यादा है।

रैन बसेरों में रात में अलाव की कमी से रही परेशानी

मऊ। बढ़ते ठंड को देखते हुए वैसे तो जिला प्रशासन की तरफ नगर क्षेत्र के रोडवेज, जिला अस्पताल समेत अन्य स्थानों पर रैन बसेरों का इंतजाम किया गया है। वैसे तो रैन बसेरों में जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन की तरफ रजाई, कंबल आदि के इंतजाम किए गए हैं, लेकिन अलाव की कमी के कारण रात के समय में राहगिरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ठंड में इधर-उधर विचरण करते छुट्टा मवेशी

मऊ। जिला प्रशासन द्वारा वैसे तो मवेशियों के लिए गोआश्रय केन्द्र स्थापित किया गया है, लेकिन ठंड के मौसम में मनुष्य के साथ छुट्टा मवेशी भी काफी परेशान दिखाई दिए। बुधवार को नगर क्षेत्र के भीटी, निजामुद्दीनपुरा, सहादतपुरा समेत अन्य स्थानों पर छुट्टा मवेशी इधर-उधर विचरण करते नजर आए।

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