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मुख्तार गिरोह के नजदीकी राजन की 35 लाख की सम्पत्ति जब्त

मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के नजदीकी कोयला माफिया व आईआर-9 गैंग के सदस्य व हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह का 35 लाख 23 हजार रुपए की सम्पत्ति पुलिस ने जब्त किया। पुलिस अधीक्षक घुले सुशील...

मुख्तार गिरोह के नजदीकी राजन की 35 लाख की सम्पत्ति जब्त
हिन्दुस्तान टीम,मऊFri, 18 Sep 2020 03:04 AM
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मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के नजदीकी कोयला माफिया व आईआर-9 गैंग के सदस्य व हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह का 35 लाख 23 हजार रुपए की सम्पत्ति पुलिस ने जब्त किया। पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चंद्रभान के निर्देश पर गुरुवार को क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यह कार्रवाई की। कार्रवाई से पूरे दिन अफरा-तफरी मची रही। नवागत एसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर एवं मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में गवाह राम सिंह मौर्या एवं आरक्षी सतीश हत्या में सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन, त्रिदेव कोल डिपो, त्रिदेव ग्रुप के पूर्व मालिक कोयला माफिया राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई। थानाध्यक्ष सरायलखंसी, कोतवाली व दक्षिणटोला पुलिस टीम ने राजेश उर्फ राजन सिंह की 35 लाख रुपए की सम्पत्ति जब्त की गई। यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई है। एसपी के मुताबिक राजन सिंह अपने भाई उमेश सिंह के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन व कोल डिपो का संचालन करता रहा है। पुलिस टीम द्वारा जब्तीकरण की कार्रवाई से पूरे दिन मुख्तार असांरी व गिरोह के सदस्यों में अफरा-तफरी मचा रहा। मुख्तार गिरोह की आर्थिक रुप से करता था मदद मऊ । निज संवाददाताआईएस 191 के नजदीकी कोयला माफिया राजेश सिंह पिछले दो दशक से मुख्तार अंसारी गिरोह के अन्य सदस्यों की आर्थिक रुप से मदद करता था। जबकि एक माह पूर्व ही राजेश उर्फ राजन सिंह के भाई उमेश सिंह की अपराध व अवैध रुप से अर्जित लगभग 6.5 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। बताते चलें कि वर्ष 2009 में हुये मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे सिपाही सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। इस सम्बंध में थाना दक्षिण टोला में एफआईआर पंजीकृत किया गया था। इसमें राजन सिंह, मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था। साथ ही साथ इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में गैंगस्टर एक्ट का अभियोग मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में दर्ज किया गया था। इसके अलावा राजन सिंह के विरुद्ध थाना सरायलखंसी में, थाना तरवां आजमगढ़ जनपद में कुल 8 अभियोग पंजीकृत है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बना ली थी। इससे अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग करने की भी बात सामने आई है।

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