जिले में 49 केन्द्रों पर आज से शुरू होगी धान खरीद
जिले में धान खरीद के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर कुल 49 केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों पर एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू की...

मऊ। जिले में धान खरीद के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर कुल 49 केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों पर एक नवम्बर से धान की खरीद शुरू की जाएगी। धान की खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण और उसका सत्यापन होना जुरुरी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर नामित तीन एजेंसियों में पीसीएफ की 30, भारतीय खाद्य निगम की 02 और खाद्य विभाग के 17 केन्द्रों पर धान खरीद की जायेगी। डीआरएमओ विपुल सिन्हा ने किसानों से अपील किया कि सभी किसान धान केन्द्रों पर लाने से पहले पूरी तरह से सुखाकर लाये। जिससे नमी न हो और धान आसानी से केन्द्र प्रभारी ले सकेंगे।
डीआरएमओ ने बताया कि किसानों का धान उचित दर पर खरीदने के लिए जिले में इस जिलाधिकारी के निर्देश पर कुल 49 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इसमें तीन एजेंसियां नामित की गयी है। जिसमें पीसीएफ के 30, भारतीय खाद्य निगम के 02 और खाद्य विपणन शाखा के 17 केन्द्र धान खरीद के लिए नामित किये गये हैं। सभी केन्द्रों पर बोरों की उपलब्धता के साथ ही इलेक्ट्रानिक काटा, छन्ना, नमी मापक यंत्र, धान की गुणवत्ता परीक्षण के लिए उपकरण की व्यवस्था पहले ही किया जा चुका है। केंद्र प्रभारियों को सख्त हिदायत दी है कि सूखे धान लेकर आने वाले किसानों को किसी भी दशा में वापस न किया जाय। उन्होंने किसानों से बातचीत में कहा कि जो भी किसान पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा रहे हैं वह ध्यान दें कि केवल अपने खेत का रकबा डाले। अन्यथा बाद में धान क्रय के समय अनेक प्रकार की समस्या उत्पन्न हो जायेंगी। जिससे वे धान बेचने से वंचित रह जायेंगे।
1958 किसानों ने कराया पंजीकरण
मऊ। जिले में बनाये गये धान क्रय केन्द्रों पर किसान अपने नजदीक के केन्द्र पर धान बेचने के लिए पंजीकरण करा रहे हैं। डीआरएमओ ने बताया कि अब तक जिले में कुल 1958 किसानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। इस क्रम में 612 किसानों का एसडीएम द्वारा सत्यापन भी किया जा चुका है। सत्यापित किसान अपने नजदीक के केन्द्र पर अपना धान आसानी से बेच पायेंगे।
60 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य
मऊ। डीआरएमओ विपुल सिन्हा ने बताया कि जिले के किसानों से इस बार शासन की ओर से 60 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य मिला है। जबकि पिछले वर्ष यह लक्ष्य 41,200 मीट्रिक टन था। शासन की ओर से निर्धारित समर्थन मूल्य 2040 है। जबकि पिछले साथ 1940 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीद की गयी थी।
