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नहरों में पानी नहीं, किसान करेंगे आंदोलन

जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता राकेश सिंह ने कहा कि जिले में भीषण सूखा पड़ा है। खेतों में नमी नहीं है, जिले के ताल, पोखरा, कुआं, नाला, ड्रेन में पानी नहीं है। जिले में दोहरीघाट पम्प नहर...

नहरों में पानी नहीं, किसान करेंगे आंदोलन
हिन्दुस्तान टीम,मऊFri, 14 Dec 2018 10:19 PM
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जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता राकेश सिंह ने कहा कि जिले में भीषण सूखा पड़ा है। खेतों में नमी नहीं है, जिले के ताल, पोखरा, कुआं, नाला, ड्रेन में पानी नहीं है। जिले में दोहरीघाट पम्प नहर प्रणाली सहित सिंचाई खंड की 31 नहरें हैं, लघु डाला नहर खंड जौनपुर की पांच नहरें तथा शारदा सहायक खंड-32 आजमगढ़ की 39 नहरें यानी कुल 70 नहरें हैं। 70 नहरों में से 55 नहरों में पांच माह से एक बूंदपानी आज तक नहीं आया है। खरीफ की फसल धान तो किसानों की कमर तोड़ दी है। चेताया कि अगर तत्काल पानी नहरों में नहीं दिया गया तो हम किसान नहर पाटने या आन्दोलन को मजबूर हो जायेंगे।

श्री सिंह ने कहा कि इस समय रबी का सीजन चल रहा है। 15 दिसम्बर के बाद गेहूं की बुआई नहीं होनी चाहिए, अगर किसान गेहूं की बुआई 15 दिसम्बर बाद बोता है तो उत्पादन कम होगा है। लेकिल आज नहर में सफाई कहीं हो रही है और कहीं होने वाली है। यह सफाई मनरेगा के धन से होने वाला है। जबकि सफाई जेसीबी से हो है। सफाई के बाद पानी नहरों में संभव हुआ तो लगभग 25 दिसम्बर के बाद दिया जा सकता है, तब किसान खेतों की भराई-पटाई करेगा तो क्या जनवरी के अन्त में गेहूं बोयेगा। किसान नेता ने जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से मांग किया कि तत्काल नहरों में पानी दिया जाय। क्योकि जिले में बहुत से किसानों को गेहूं की सिंचाई करना है। अगर 25 दिन बाद सिंचाई होती है तो उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ेगा। कहा कि नहरों में आज तक पानी न देना यह प्रमाणित करता है कि जिला प्रशासन का कार्य किसान विरोधी है। अगर तत्काल पानी नहरों में नहीं दिया गया तो हम किसान नहर पाटने या आन्दोलन को मजबूर हो जायेंगे।

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