भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षा का आधार बनाने की जरूरत
केंद्रीय विद्यालय में गुरुवार को शिक्षक पर्व के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रोत्साहन कला और संस्कृति विषय पर चर्चा करने के लिए विद्यालय में एक...

मऊ। केंद्रीय विद्यालय में गुरुवार को शिक्षक पर्व के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रोत्साहन कला और संस्कृति विषय पर चर्चा करने के लिए विद्यालय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय ज्ञान धारा को भारतीय कला और संस्कृति के परिप्रेक्ष में देखने पर चर्चा की गई।
विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य रंजीत विश्वकर्मा ने सेमिनार में बताया गया कि भारतीय ज्ञान परंपरा को शिक्षा का आधार बनाने की जरूरत है। शिक्षा को समाज के कल्याण का आधार तथा चरित्र निर्माण का आधार भी बनाने की जरूरत है। भारत विविधता पूर्ण देश है, यहां प्राचीन काल से ही विस्तृत ज्ञान की परंपरा रही है। यहां नालंदा, विक्रमशिला, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय प्राचीन काल से ही ज्ञान का प्रकाश फैला चुके हैं। विदेशों से भी यहां विद्यार्थी पढ़ने आते थे। भारत में धन की देवी लक्ष्मी की अपेक्षा ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा अधिक की जाती है, जो यहां ज्ञान के महत्व को दर्शाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति के संवर्धन पर जोर दिया गया है। बच्चों में सांस्कृतिक जागरूकता और उसकी अभिव्यक्ति क्षमता को विकसित करने पर बल दिया गया है।
