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घाघरा खतरा बिन्दू से बीस सेमी ऊपर, तटवासी बेचैन

नेपाल द्वारा लगातार शारदा बैराज व गिरजा बैराज से दो दिन में साढे पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा का जलस्तर घटने के बाद एक बार फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। नदी आधा सेमी प्रति घण्टे की...

घाघरा खतरा बिन्दू से बीस सेमी ऊपर, तटवासी बेचैन
दोहरीघाट। हिन्दुस्तान संवादSat, 18 Aug 2018 11:43 AM
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नेपाल द्वारा लगातार शारदा बैराज व गिरजा बैराज से दो दिन में साढे पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा का जलस्तर घटने के बाद एक बार फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। नदी आधा सेमी प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ रही है, जो खतरा बिन्दु को पार करते हुए 70.10 मीटर पर पहुंच गयी है। जबकि नदी का खतरा बिन्दु 69.90 मीटर है। नदी खतरे के निशान से बीस सेमी ऊपर बह रही है। घाघरा का जलस्तर लगातार बढने से तटवर्ती इलाकों में सनसनी फैल गयी। 

जलस्तर बढ़ने के कारण नदी की धारा सीधे बन्धो से होकर टकराने लगी है। नेपाल द्वारा लगातार पानी छोड़े जाने से कहीं नदी सन 1998 के रिकार्ड 71.25 मीटर के आकड़े को न पार कर जाय इस बात की चिन्ता सबको सताने लगी है। घाघरा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाढ़ खण्ड आजमगढ़ के एक्सईएन दीपक कुमार ने बताया बन्धो की निगरानी करते हुए जेई को रामपुर धनौली रिंग बन्धे के उपर जमे सभी खरपतवार को साफ करने का निर्देश दिया तथा बन्धो की मरम्मत मरम्मत का भी निर्देश दिया है। 

वहीं बन्धों के नीचे की किसानों की सभी फसले बाढ़ के पानी में डूबने लगी हैं। इधर रामपुर के समीप स्थित ब्रह्मचारी बाबा की कुटी बाढ़ के पानी से घिरी गयी है। घाघरा के बढ़ते जलस्तर से औराडाड से लेकर नवली गांव के समीप तक बने डबल कैंची बन्धे पर नदी का दबाव शुरू हो गया है। कैंची बन्धे के बीच बसे नवली गांववासियों की नींद उड़ गयी है। अगर बन्धा टूटा तो भीषण तबाही घाघरा मचा देगी। गोधनी बीबीपुर रिंग बन्धे के नीचे के सभी करीब सैकड़ों एकड़ धान की फसले नदी के पानी में डूब जाने से गोधनी, पत्तनई, सडासो, बहादुरपुर, कोरौली, गौरीडीह, बेलौली, बीबीपुर, तहीरापुर समेत आदि गांवों के किसान बर्बाद हो गये हैं। नवली रिंग बन्धे के नीचे कटान हो रही है, लेकिन कोई अधिकारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचा है। सिंचाई विभाग के जेई जेपी यादव ने बताया की नदी खाकी बाबा की कुटी से लेकर भारत माता मन्दिर तक बैकरोलिंग कर रही है। कहीं भी कटान अगर होती है तो उसे बन्द करने के लिये बोल्डर डम्प किये गये हैं। तथा तार की जाली व बोरियों में ईट भरकर तैयार हैं। हम लगातार नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने को लेकर सतर्क हैं।  

बजट पास न होना भी मुक्तीधाम के लिये आफत
मुक्तीधाम श्मशान घाट से लेकर खाकी बाबा की कुटी तक कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा करीब दस करोड़ रूपये का बजट मंत्रीमण्डल द्वारा पास न होने से कहीं करोड़ो रूपये की लागत से बने मुक्ति धाम नदी की धारा में विलीन न हो जाय, इस बात की चिन्ता मुक्तीधाम संस्थान परिवार को सताने लगी है। संस्थान परिवार के अध्यक्ष डा.बीके श्रीवास्तव ने कहा कि जनता की पसीने की कमाई से बना इस मुक्तीधाम की भौगोलिक स्थिति तो सरयू माता ने पहले ही बिगाड़ दी है। अति संवेदनशील मुक्तीधाम की कटान रोकने के लिए मंत्री मण्डल से मंजूरी दिलाने के लिए क्षेत्र के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान जी से गुहार लगाई है।

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