दोपहर तक उमस, फिर हल्की तो कहीं तेज बारिश
Mau News - मऊ जिले में आषाढ़ माह के 12 दिन बीतने के बाद भी किसानों को पर्याप्त बारिश नहीं मिली है। हल्की बारिश के बावजूद धान की रोपाई में देरी हो रही है। किसान खुद के संसाधनों से सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन अगर...
मऊ। आषाढ़ माह 12 दिन बीत चुका है, लेकिन किसानों को उनके मन मुताबिक पानी अबतक नहीं मिल पाया है। आसमान में बादल टहल रहे हैं और हल्की-फुल्की बारिश भी हो रही है। लेकिन अभी तक बादल जमकर नहीं बरसे हैं। गुरुवार को दोपहर तक तेज उमस होने के बाद जिले के कई हिस्सों में कहीं हल्की तो तेज बारिश हुई। वहीं, कुछ हिस्से में सुखा ही रहा। दिन में अधिकतम तापमान 35.70 और न्यूनतम 29.00 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरुवार को सबुह से ही मौसम में बदलाव होता रहा। कभी तेज धूप निकती तो कभी काले बादलों से ढक जा रहा था।
कुछ समय आसमान में ऐसे बादल उमड़-घुमड़ रहें थे कि मानो तेज बारिश होगी। दोपहर तक गर्मी और पसीने से लोगों का हाल बेहाल रहा। हालांकि दोपहर बाद पहले ठंडी हवा और उसके बाद अचानक बारिश शुरू हुई। नगर के साथ ही जिले के विभिन्न हिस्सों में शाम तक हल्की और तेज बारिश होती रही। बारिश से न सिर्फ लोगों को गर्मी से राहत मिली है बल्कि किसानों को भी फायदा मिला है। धान की रोपाई का समय चल रहा है। किसानों की माने तो अब भी आषाढ़ ढंग से नहीं बरसा है जिससे कि धान की रोपाई में इंद्रदेव की मेहरबानी हो सके। वहीं, जिले के कुछ हिस्सों में सुखा ही रहा। बादल उमड़-घुमड़ कर वापस लौट गए। इससे लोगों को भीषण गर्मी और उमस से परेशान रहे। खुद के संसाधन से किसान कर रहे धान की रोपाई दोहरीघाट। ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत किसानों ने भारी बारिश के इंतजार के बीच धान की रोपाई शुरू कर दी है। अबतक क्षेत्र में सिर्फ रिमझिम या हल्की बारिश होने से किसान काफी मायूस हैं। इसका असर उनकी नर्सरी से लेकर रोपाई तक पर पड़ रहा है। किसी तरह सिंचाई कर नर्सरी को तैयार कर रहे हैं, लेकिन अब बारिश में देरी से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। जुलाई माह में धान की रोपाई के लिए मानसूनी बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा जा रही है। बारिश के अभाव में खेती को पिछड़ता देख किसान पंपिंग सेट या मोटर चालित पंप से खेत में पानी भर कर धान की रोपाई कर रहे हैं। पर, तीन चार दिन में ही दरार देख फिर से किसान सिंचाई को विवश हैं। इससे खेती की लागत बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि जल्द तेज बारिश नहीं हुई तो धान के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दोहरीघाट क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है। प्रगतिशील किसान कमलेश चौहान के अलावा पंप सेट के पानी से खेत तैयार कर अन्य दर्जन भर किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है। वहीं किसान सतीश राय कहते हैं मौजूदा समय में बारिश न होने से लागत मूल्य बढ़ रहा है। जबकि जनपद के अन्य क्षेत्रों में अबतक अच्छी खासी बारिश हो चुकी है। सिर्फ यही क्षेत्र बाकी है।
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