Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मऊEnthusiastic Celebrations for Chhath Mahaparv in Mau District

नहाय-खाय संग आज से शुरू होगा सूर्योपासना का महापर्व

मऊ जिले में सूर्योपासना के छठ महापर्व की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। महिलाएं व्रत के लिए विभिन्न पकवान तैयार कर रही हैं। बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊMon, 4 Nov 2024 11:56 PM
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मऊ। जिले में सूर्योपासना के छठ महापर्व को लेकर नगर समेत ग्रामीण अंचलों में जबरदस्त उत्साह रहा। घाटों की साफ-सफाई से लेकर बेदी बनाने का दौर अंतिम चरणों में चल रहा है। सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ महापर्व मंगलवार यानि आज से नहाए-खाए संग शुरू हो जाएगा। व्रती महिलाएं सेंधा नमक और घी में बने लौकी की सब्जी, अरवा चावल तथा अरहर के दाल का सात्विक भोजन ग्रहण कर चार दिवसीय इस महान लोकपर्व के लिए खुद को तैयार करेंगी। वहीं पर्व को लेकर सोमवार को बाजार में खरीदारी के लिए काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। उधर, प्रशासन भी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता तैयारियों में जुटा दिखाई दिया। नगर पालिका, नगर पंचायत समेत पूजा कमेटियों के सदस्य दिन-रात एक करके घाटों की साफ-सफाई के साथ आकर्षक रूप देने में जुटे रहे।

नगर समेत ग्रामीण अंचलों में सूर्योपासना का महापर्व छठ काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। कार्तिक मास के शुक्लपक्ष के छठवें दिन मुख्य पूजन होता है। बहुत सी महिलाएं पंचमी से ही व्रत रखती हैं। उनका व्रत सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खत्म होता है। त्योहार के मद्देनजर घरों में तैयारी शुरू हो गई है। गेहूं धोने-सूखाने के साथ ही अन्य तैयारियों को अंतिम रूप देने में महिलाएं और पुरुष जुट गए हैं। वहीं इस पर्व में स्वच्छता पर विशेष ध्यान होता है, लिहाजा घर से लेकर रास्तों और घाटों तक की सफाई युद्धस्तर पर हो रही है। शहर से गांव तक निकाय प्रशासन एवं ग्राम पंचायतों के अलावा तमाम पूजा कमेटियां और संस्थाएं इस कार्य में जुटी हैं। पर्व को लेकर बाजारों में भी रौनक बढ़ गई है। बाजारों में ट्रकों पर लादकर विभिन्न स्थानों से फल पहुंच गए हैं। पूजा के लिए लोग फल के अलावा अन्य सामान महिलाएं जुटाना शुरू कर दिए हैं। बाजार में सूप-दौरी की दुकानें लग गई हैं। हालांकि अभी इक्का दुक्का महिलाएं खरीदारी कर रही है। वहीं सूप, दौरी बेचने वालों ने बताया कि मंगलवार से बिक्री तेज होगी। व्रत धारण करने वाली महिलाएं मंगलवार शाम को सिर्फ चावल और लौकी-चना की सब्जी या लौकी डालकर बनाई गई दाल खाएंगी। इसे नहाय-खाय कहते हैं। दूसरे दिन बुधवार को पूड़ी-खीर खाएंगी। इसे खरना कहते हैं। तीसरे दिन गुरुवार को दिनभर व्रत रखकर शाम को नदी या तालाब के किनारे वेदी बनाकर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। शुक्रवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा।

छठ माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे रहे कलाकार

मऊ। जिलेभर में लोक आस्था के महापर्व की तैयारियां अंतिम चरणों में चल रही है। वहीं, छठ माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में कलाकार जुट गए। प्रतिमाओं में रंग भरकर उन्हें सजाने और सवारने का कार्य चल रहा है। हालांकि, व्रती महिलाओं के अनुसार नदी, तालाब, नहर पर ही वेदी बनाकर पूजा करने का विधान है। लेकिन इस बार शहर समेत ग्रामीण अंचलों कुछ स्थानों पर पूजा समितियों ने छठ माता की प्रतिमा स्थापित कर रहें हैं, जिसके लिए कलाकार माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए। कलाकार अमित, दिनेश ने बताया कि पहले से ही प्रतिमा बनाने के लिए पहले से ऑर्डर मिला हुआ था। प्रतिमा लगभग तैयार हो चुकी है। बस फाइनल टच दिया जा रहा है।

नारियल-नीबू से पटे बाजार, दउरा-सूप की भरमार

मऊ। छठ पर्व को लेकर बाजार में हलचल तेज हो गई है। जिले के विभिन्न हिस्सों के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी फल लदी गाड़ियां शहर में पहुंचने लगी हैं। सोमवार को पूरा बाजार नारियल, नीबू समेत अन्य पूजा सामग्रियों से पट गया। उधर, शहर कस्बों में छठ व्रत में प्रयोग होने वाले मिट्टी के बर्तन खासकर दीया और कोसी की खरीदारी करने काफी संख्या में लोग पहुंचे।

छठ पर्व से कद्दू के भाव बढ़े

मऊ। पहले दिन मंगलवार को व्रती लौकी-भात का सेवन करेंगे। व्रतियों के आहार में कद्दू बेहद उपयोगी हैं। इसलिए सोमवार को इनके भाव चढ़े रहे। 25 से लेकर 50 रुपये प्रति पीस कद्दू बिका। गांवों में तो लौकी बांटने की परंपरा रही है। जिनके घरों में यह सब्जी उगाई जाती है, उस परिवार के सदस्य मुहल्ले में कमोबेश हर घर में लौकी बांटते हैं।

खरना के लिए दूध की बुकिंग शुरू

मऊ। खरना के दिन गाय के दूध की खीर बनाने की परंपरा है। गाय का दूध लेने के लिए लोग दूध वालों से पहले ही संपर्क साधना शुरू कर चुके हैं। दूध वालों ने भी थोड़ा बहुत दूध के रेट में इजाफा कर दिया है। दूध कारोबारी रामभवन यादव ने कहा कि इस बार स्थायी ग्राहकों ने ही ज्यादा डिमांड कर दिया है। अलग से दूध देना मुश्किल होगा।

छठ में उपयोगी समान

मऊ। सूर्योपासना के महापर्व का व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्य को अघ्र्य देने के लिए इन वस्तुओं की जरूरत पड़ती है। इसमें खीर, ठकुवा, चावल का लड्डू, नैवेद्य, केला, सेब, अनार, नासपत्ती, गंजी, गन्ना, खीरा, इमली, अदरक, मूली, कच्ची हल्दी, नया केराव, नीबू, पान का पत्ता, विभिन्न ऋतु फल आदि शामिल है। इन्हें प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

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