लोक अदालत में दस हजार मामले के निस्तारण पर जोर
जनपद न्यायाधीश शंकर लाल द्वारा 10 जुलाई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में जिले के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की गई।...
मऊ। संवाददाता
जनपद न्यायाधीश शंकर लाल द्वारा 10 जुलाई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में जिले के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की गई। सभी राजस्व अधिकारियों द्वारा बैठक में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया गया तथा लगभग 10,000 मामले निस्तारित कराने पर बल दिया गया।
जनपद न्यायाधीश ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित होने वाले वाद सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किया जा सकता है। इसमें पक्षकार स्वयं अपने मामले को अपने तरीके से निपटारा कराते हैं, और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इसकी कोई भी अपील किसी भी न्यायालय में नहीं की जा सकती है। सुलह समझौते के आधार पर छोटे-छोटे मामलों को आपसी सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किया जाता है। वे सभी वाद निस्तारित किये जाते है जो समनीय प्रकृति के हैं, जिसके अंतर्गत धारा 138 एनआई एक्ट, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना बाद, पारिवारिक वाद, समनीय वाद, भू अधिनियम वाद, विद्युत एवं जलकल के बकाया से संबंधित वाद, राजस्व से संबंधित वाद व सिविल न्यायालयों के वादों का निस्तारण सुलह समझौते के माध्यम से किया जाता है। बैठक में नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत/अपर जनपद न्यायाधीश वृद्धिसागर मिश्र, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुंवर मित्रेश सिंह कुशवाहा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फारुख इनाम सिद्दीकी, केहरि सिंह अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी सदर, मोहम्मदाबाद गोहना, घोसी मधुबन, समस्त तहसीलदार उपस्थित रहे।