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ऐसा काम नहीं करें जिससे किशोरों पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव

किशोरावस्था आते-आते किशोर अक्सर अपने को दो स्थितियों के बीच फंसा हुआ महसूस करने लगता है। एक ओर तो उनमें होने वाले शारीरिक परिवर्तन उन्हें बड़े होने का आभास देने लगते हैं और दूसरी तरफ परिवार और समाज...

ऐसा काम नहीं करें जिससे किशोरों पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव
मऊ। निज संवाददाता Sat, 01 Sep 2018 05:25 PM
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किशोरावस्था आते-आते किशोर अक्सर अपने को दो स्थितियों के बीच फंसा हुआ महसूस करने लगता है। एक ओर तो उनमें होने वाले शारीरिक परिवर्तन उन्हें बड़े होने का आभास देने लगते हैं और दूसरी तरफ परिवार और समाज उन्हें बार-बार नासमझ होने का एहसास कराता है। उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में बहुत ही सोच समझ कर किशोरों के बारे में कुछ कहने की जरूरत है। ताकि इनका सीधे दिमाग पर असर न हो।

ये बातें नेहरू युवा केन्द्र के तत्वावधान में तत्वबोध इण्टर कालेज के प्रांगण में  गैर आवासीय जीवन कौशल शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए  डॉ. कंचन तिवारी ने क ही। उन्होंने कहा कि किशोर की आत्म छबि बहुत हद तक उनके परिवार एवं दोस्तों द्वारा कही जाने वाली बातों से बनती बिगड़ती है। इससे उनकी अपनी पहचान अस्पष्ट बन जाती है ।

इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र के एसीटी ओम प्रकाश मिश्र ने कहा कि जीवन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किशोर आयु वर्ग के युवाओं को भावी जीवन की चुनौतियों से सामना करने, स्वयं को पहचानने, क्षमता बढ़ाने, रोजगार के क्षेत्र में आगे बढने की प्रेरणा देने, स्वास्थ्य संवर्धन करने आदि के प्रति सतर्क रहने तथा मार्गदर्शन देने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रशिक्षण में सम्मिलित 40 प्रतिभागियों ने प्रश्नावली जायजा, समूह चर्चा, रोल प्ले, केश स्टडी, कहानी, प्रश्न पेटी, ब्रेन स्टार्मिंग एवं खेल तथा श्रव्य दृश्य के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में नेहरू युवा केन्द्र गाजीपुर के राज्य प्रशिक्षक अंगद सिंह यादव, अर्जुन राम, नरेन्द्र तिवारी, प्रधानाचार्य संतोष पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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