छाए रहे बादल, ठंडी हवा ने छुड़ाई कंपकपी
Mau News - मऊ में ठंड बढ़ गई है, जिससे लोग परेशान हैं। पिछले दो दिनों में मौसम में बदलाव आया है, और बुधवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दो दिन बाद बारिश की...

मऊ। पिछले दो दिन से जनपद में ठंड बढ़ गई है। बुधवार को बूंदाबादी नहीं हुई, लेकिन सूरज के बादलों में छिपे होने और सर्द पुरवा हवा चलने से ठंड में इजाफा हो गया है। दिन में एक-दो बार ही कुछ समय के लिए सूर्यदेव ने दर्शन दिए, जिससे लोगों को ठंड का अहसास हुआ। सबसे ज्यादा परेशानी सूरज ढलने के बाद उठानी पड़ी। जनपद में बुधवार को मौसम बदला नजर आया। सुबह हल्के कोहरे के साथ हुई, हालांकि आठ बजे तक कोहरा छंट गया। इसके बाद कुछ पल के लिए सूर्यदेव दर्शन देकर बादलों की ओट में छुप में गए। दिनभर बादल छाए रहे। इसके साथ ही सर्द पुरवा हवा चलती रही, जिससे घर और दफ्तरों से बाहर निकलते ही लोग कांप उठे। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को उठानी पड़ी। इसलिए वाहन चालक हेलमेट के साथ हाथों में गलब्स पहनकर चलते नजर आए। उधर, बाजारों में खरीदारी को पहुंची महिलाएं भी गर्म कपड़ों में लैस नजर आईं, लेकिन फिर भी ठिठुरन का अहसास हो रहा था। दोपहर में भी कुछ देर को सूर्यदेव ने दर्शन दिए तो लोगों ने घर की छत, बालकनी और पार्कों में बैठकर धूप का आनंद लिया। शाम चार बजते ही ठंड फिर से बढ़ गई और घरों में दुबक गए। वहीं, बुधवार को मऊ का अधिकतम तापमान मंगलवार की अपेक्षा दो डिग्री लुढ़कर 23 और न्यूनतम तापमान दो डिग्री बढ़कर 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
दो दिन बारिश की संभावना, बढ़ेगी ठंड
मऊ। कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के वैज्ञानिक डॉ. विनय सिंह ने बताया कि बुधवार को जनपद में पूरे दिन बादल छाए हुए थे, लेकिन अब दो दिन बाद यानि 28 और 29 दिसंबर को मऊ में बारिश और बूंदाबादी की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट होने के साथ ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।
बजट के बाद भी नहीं जले अलाव
मऊ। ठंड ने तो रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन प्रशासनिक अमला अबतक पूरी तरह से जगा नहीं है। अलाव के लिए सरकार ने बजट भी दे दिया, लेकिन सभी जगहों पर जलाए नहीं जा रहे हैं। नगर पालिका समेत नगर पंचायतों में कुछ स्थानों को छोड़कर अलाव कहीं नहीं जला। अलाव न जलने से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। इसी तरह तहसीलों में भी अलाव नहीं जल रहे हैं।
सड़कों पर सावधानी की जरूरत
मऊ। एआरटीओ सुहैल अमहद ने कहा कि चूंकि सुबह और देर रात को कोहरा छा सकता है। खुले में इसकी अधिकता हो सकती है। इसलिए ऐसे दिनों में हाइवे, एक्सप्रेस-वे पर संभलकर चलने की जरूरत है। देर रात और तड़के चलना खतरे से खाली नहीं है। बहुत जरूरी होने पर धीमी रफ्तार और वाहनों पर रिफलेक्टर लगाना चाहिए। लगातार दो घंटे से अधिक गाड़ी को चलाना भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए ब्रेक लेकर यात्रा करें। रात को गाड़ी न चलाना सबसे बेहतर रहेगा।
शरीर ढंककर रखें, खानपान बदलें
मऊ। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. शैलेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि इन दिनों शरीर को पूरा ढंकने वाले कपड़े पहनने चाहिए। सिर, कान, छाती, हाथ और पैरों को ढंकना चाहिए। तीन लेयर के कपड़े पहनने से सर्द हवा शरीर में प्रवेश नहीं कर पाएगी। सबसे ऊपर विंडशीटर पहनना ठीक रहेगा। यह हवाओं को रोकने में कामयाब रहती है। ठंडा पानी, कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम जैसी चीजें न खाएं। गुड़, गाजर, मूली, गुड़, मेथी, पालक, बथुआ, चने और सरसों की साग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे।
किसानों में खुशी, रबी फसलों को होगा फायदा
मऊ। पुरवा हवा चलने और पहाड़ों पर हुई बर्फबारी से मैदानी इलाकों के मौसम का मिजाज भी बदल गया है। जिले में घने बादलों और सर्द हवा से सर्दी बढ़ गई है। इससे गेहूं की फसल को फायदा होगा। सर्दी का पीक समय दिसंबर से जनवरी माह को माना जाता हैं, लेकिन अबतक धूप निकलने से सर्दी सुबह शाम हो रही थी। लेकिन अब मौसम ने करवट ली और पुरवा हवा चलना शुरू हो गईं। बताया जाता है कि पहाड़ी राज्यों में हुई बर्फबारी से मैदानी राज्यों में असर भी दिखना शुरू हो गया है। सर्दी बढ़ने से रबी की मुख्य फसल गेहूं के लिए वरदान साबित होगी। साथ ही चना, मटर, सरसों, आलू आदि फसलों को भी फायदा होगा।
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