निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों मनाया काला दिवस
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज एण्ड इंजीनियर एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के संयुक्त आह्वान पर जिला इकाई के सदस्यों ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2020...
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज एण्ड इंजीनियर एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के संयुक्त आह्वान पर जिला इकाई के सदस्यों ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2020 एवं निजीकरण के विरोध में सोमवार को काला दिवस मनाया। विद्युत कर्मचारी, जूनियर इंजिनियर और अभियंता अपने-अपने कार्यों पर उपस्थित रहकर अपने दाएं हाथ में काला फीता बांध कर भोजनावकाश के समय सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए अपने अपने हाथों में अपने मांगों के समर्थन में निजीकरण विरोधी तख्तियां लेकर शांतिपूर्वक विरोध व्यक्त किए। विरोध प्रदर्शन के अवसर पर वक्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के मूलभूत अधिकारो में की ज़ा रही मनमानी कटौती तथा निजीकरण के उद्देश्य से विद्युत अधिनियम-2020 को लाए जाने पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि हम श्रमिक संगठन देश-भर में लंबे समय से श्रमिकों कि की जा रही न्यायोचित मांगों के प्रति सरकार उपेक्षात्मक रुख अपना रही हैं। निजीकरण की कार्रवाई को तेज करते हुए विद्युत अधिनियम -2020 क़ो लाये जाने तथा बिजली क्षेत्र के निजीकरण की घोषणा से पूरे देश व प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी, जूनियर इंजिनियर एवं अभियंता अपने भविष्य को लेकर चिंतित एवं उद्वेलित हैं। हम विरोध प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग करते हैं कि व्यापक जन-हित में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल -2020 क़ो वापस लिया जाए तथा ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की समस्त प्रकिया को बंद किया जाए, श्रम कानूनों को तीन वर्ष के लिये निलंबित किये जाने के आदेश को वापस लिया जाए। कार्यक्रम में सूर्यदेव पांडेय, रघुनंदन यादव, अमित गुप्ता , अरविंद कुमार, सुशील कुमार, संजय कुमार, शिवपर्सन राम आदि ने भाग लिया।