संकट के वक्त वरदान साबित होगी पशुओं में ईयर टैगिंग:केके कमल
Mau News - दोहरी घाट में पशुचिकित्साधिकारी डॉ. केके कमल के नेतृत्व में पशुओं को ईयर टैग लगाया जा रहा है। इससे पशुपालकों को दैवीय आपदा, आग की घटनाओं में मुआवजा और पशुओं की चोरी के मामले में सहायता मिलेगी। ईयर टैग...

दोहरीघाट(मऊ),हिन्दुस्तान संवाद। ब्लॉक क्षेत्र में पशुचिकित्साधिकारी डॉ. केके कमल के नेतृत्व में पशुओं को ईयर टैग तेजी के साथ लगाया जा रहा है। टीम ईयर टैग के लाभ बताकर पशुपालकों को जागरूक भी कर रही है। साथ ही चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी बता रहें हैं।
क्षेत्र के पशुपालक दैवीय आपदा, आग की घटनाओं में पशुओं की मृत्यु के अलावा पशुओं की चोरी होने पर पशुपालक पुलिस से लेकर जिला मुख्यालय तक से मुआवजा की मांग को पहुंचते है, लेकिन जांचोपरांत पशुओं में ईयर टैग न होने से मांग निरस्त कर दी जाती है। वहीं सरकार की लाभकारी योजनाओं से भी वंचित होते है। बुधवार को फरसरा खुर्द, गोंठा, गोड़ौली, खरकौली सहित अन्य गांवों में पशु मित्र नीतीश पाल द्वारा ईयर टैग लगाया गया। राजकीय पशु चिकित्सालय दोहरीघाट के चिकित्साधिकारी डॉ. केके कमल ने बताया कि पशुओं में ईयर टैगिंग अतिआवश्यक है। इससे पशुपालकों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ दैवीय आपदा में मुआवजा तथा चोरी होने पर उनकी पहचान भी संभव होती है। बताया कि पशुओं के कान में लगाया जाने वाले टैग में एक क्यूआर कोड के साथ 12 अंकों का नंबर होता है। क्यूआर कोड से पशु के प्रकार, लिंग, पशुपालक का नाम और आधार रहता है। जिससे पशु हानि के वक्त पशुपालक को मुआवजा मिल जाता है। साथ ही पशु में टैग होने पर योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए क्षेत्र में पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही इच्छुक पशुपालकों के पशुओं के कान में ईयर टैग लगाया जा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।