मनमाने तरीके से 41 लाख भुगतान का आरोप
विकास खंड में ग्राम सचिव का एक क्लस्टर में तैनाती के दौरान दूसरे क्लस्टर का प्रभार मिलते ही बिना कार्य किए चार दिनों में भुगतान करने का अरोप लगा...

कोपागंज। विकास खंड में ग्राम सचिव का एक क्लस्टर में तैनाती के दौरान दूसरे क्लस्टर का प्रभार मिलते ही बिना कार्य किए चार दिनों में भुगतान करने का अरोप लगा है। क्लस्टर के अंदर पड़ने वाले पांच ग्रामसभाओं गंगूवाबारी, मसिना और तिघरा के पन्द्रवें वित्त और राज्य वित्त से मनमाने तरीके से 41 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया। इस सबंध में भाजपा गोरखा प्रान्त के क्षेत्रीय मंत्री अखिलेश तिवारी ने आयुक्त आजमगढ़ और जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले की जांच कराने की मांग की है। जिलाधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला विकास अधिकारी को जांच करते हुए रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है।
कोपागंज विकासखंड के खालिसपुर क्लस्टर में तैनात ग्राम सचिव का विगत 28 मई 2022 को उसके मूल क्लस्टर से सभी नियमों को ताख पर रखते हुए 40 किलोमीटर दूर गांगुवाबारी क्लस्टर का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया। सचिव को गांगुवाबारी का अतिरिक्त प्रभार मिलते ही क्लस्टर के अंतर्गत ग्रामं सभाओ गांगुवाबारी , मसीना और तिघरा में एक दिन भी कार्य नहीं करने के बाबजूद भी मनमाने तरीके से वाटर सप्लाई मेन्टेन्स ,डेवलेपमेंट और मेन्टेन्स ,हेल्थ और फेमिली वेलफेयर और हैंडपंप रिबोर आदि के नाम पर तैनाती के चार दिन के अंदर 29 मई , 30 मई, 31 मई, 1 जून और 3 जून के तारीखों में गांगुवाबारी ग्राम सभा से 939015 रूपये, मसीना से 414365 रूपये और तिघरा ग्राम सभा से 314127 रूपये का कुल 1667507 रूपये का भुगतान राज्य वित्त और पन्द्रहवे वित्त से कर दिया गया। इसके अलावा 16 जुलाई तक गंगूवाबारी कलस्टर के गांवों से नोकाहट से 205692 रुपए ,बीबीपुर 128181 रुपए, मसीना से 868412 रुपए, गंगूवाबरी से 2582924 रुपए और तिघरा से 314145 रुपए का भुगतान करा लिया गया। इस संदर्भ में भाजपा नेता और गोरखा प्रान्त के क्षेत्रीय मंत्री अखिलेश तिवारी ने आयुक्त आजमगढ़ और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पूरे मामले की उच्च्स्तरीय जाँच की मांग किया है। जिलाधिकारी अरुण कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला विकास अधिकारी को जाँच कराते हुए रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है। आयुक्त और जिलाधिकारी को दिए गए पत्र में अखिलेश तिवारी ने ग्राम सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा की उक्त ग्राम सचिव द्वारा पांचों ग्राम सभाओ से एक महीने के अंतराल में बिना कार्य कराये 41 लाख से अधिक का भुगतान किया गया है।
