पिछड़े और दलित इंजीनियरों को इंटरव्यू में न बुलाने का विवाद सुलझा, बिजली निगम ने भेजे कॉल लेटर
- निगम में निदेशकों के खाली पड़े 17 पदों पर चयन होना है। इसके लिए साक्षात्कार में बिजली निगमों में कार्यरत पिछड़े और दलित वर्ग के इंजीनियरों को नहीं बुलाए जाने का आरोप लग रहा था। पावर कारपोरेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इस पर सवाल उठाए थे।
उत्तर प्रदेश बिजली निगम (पावर कारपोरेशन) में पिछड़े और दलित वर्ग के इंजीनियरों को इंटरव्यू के लिए न बुलाए जाने का विवाद अब सुलझ गया है। बिजली निगम ने नए सिरे से कॉल लेटर जारी कर दिए हैं। निगम में निदेशकों के खाली पड़े 17 पदों पर चयन होना है। इसके लिए साक्षात्कार में बिजली निगमों में कार्यरत पिछड़े और दलित वर्ग के इंजीनियरों को नहीं बुलाए जाने का आरोप लग रहा था। पावर कारपोरेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी इस पर सवाल उठाए थे। यह मामला पिछड़ा वर्ग आयोग में भी पहुंचा था। आयोग ने मामले में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और उर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को तलब कर लिया था। इसके बाद कारपोरेशन ने कॉल लेटर जारी कर दिए हैं।
बता दें कि पिछले सोमवार (12 मार्च) को पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन और कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उन्होंने आरोप लगाया था विभाग के दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। निदेशकों के खाली पदों पर होने वाले साक्षात्कार में आरक्षित वर्ग के अभियंताओं को कॉल लेटर तक नहीं दिए गए हैं जबकि वे आवेदन की पात्रता पूरी करते हैं।
आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन देकर उन्होंने मामले में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है। इससे पहले एसोसिएशन ने अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का भी दरवाजा खटखटाया था। संगठन ने आयोग से इस संबंध में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की थी। इस पर पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण और पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल को मंगलवार को आयोग में तलब किया था।
एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद और ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा शामिल थे। संगठन ने आयोग के अध्यक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप के लिए आभार जताया था और उम्मीद जताई थी कि दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। अब पावर कारपोरेशन ने नए सिरे से कॉल लेटर जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही पिछ़ड़े और दलित वर्ग के इंजीनियरों को इंटरव्यू में न बुलाए जाने का मामला सुलझ गया है।