दीपक जतन करत राग लक्षण ग्रंथ...
ब्रज संस्कृति संगीत समिति के तत्वावधान में ब्रज रसिक संतों के रसोत्सव अंतर्गत ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवनराज मंदिर की कुंज-लताओं के...
ब्रज संस्कृति संगीत समिति के तत्वावधान में ब्रज रसिक संतों के रसोत्सव अंतर्गत ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवनराज मंदिर की कुंज-लताओं के मध्य दीप प्रज्वलित कर प्रथम बार संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास के शिष्य तानसेन का रसोत्सव मनाया गया। जिसमें ब्रज रसिक सूफी गायक जेएसआर मधुकर ने स्वामी हरिदास एवं तानसेन की रचनाओं का गायन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
रविवार की देर शाम आयोजित रसोत्सव में जेएसआर मधुकर एवं साथी कलाकार शशि सखी, भावना सखी, लक्ष्य व मयंक मधुकर ने गायन कर श्रोताओं का मन मोह लिया। उन्होंने बताया कि तानसेन स्वामी हरिदास से इन्हीं निधिवन की कुंजों में संगीत की शिक्षा प्राप्त करते थे। इससे पूर्व उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र द्वारा दीप प्रज्वलित कर रसोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मंदिर सेवायत भीकचंद्र गोस्वामी, रोहितकृष्ण गोस्वामी, डा. ओम, इंदुभूषण स्वामी, बाबा कुंजबिहारी दास, मदनबिहारी दास, नवेली शरण, किशोरी शरण, लोकेश गोस्वामी, अनंतवीर दास आदि उपस्थित थे।