ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मथुरादेश को जातियों में बांटने वालों को सबक दिखा देंगे : देवकीनंदन

देश को जातियों में बांटने वालों को सबक दिखा देंगे : देवकीनंदन

एससी/एसटी ऐक्ट को लेकर सवर्ण संगठन दो-हाथ करने मैदान में आ गए हैं। राष्ट्रीय विप्र स्वाभिमान महासंघ के बैनर तले सवर्ण आंदोलन की अगुवाई कर रहे प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सरकार को ऐक्ट संशोधन...

देश को जातियों में बांटने वालों को सबक दिखा देंगे : देवकीनंदन
हिन्दुस्तान टीम,मथुराWed, 05 Sep 2018 10:16 PM
ऐप पर पढ़ें

एससी/एसटी ऐक्ट को लेकर सवर्ण संगठन दो-हाथ करने मैदान में आ गए हैं। राष्ट्रीय विप्र स्वाभिमान महासंघ के बैनर तले सवर्ण आंदोलन की अगुवाई कर रहे प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सरकार को ऐक्ट संशोधन को लेकर सीधे-सीधे चुनौती देते हुए कहा, दो महीने का वक्त है, वरना हम वह करके दिखाएंगे जो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ।

बुधवार को वृंदावन में आयोजित विप्र महाकुंभ से देवकीनंदन ठाकुर ने आंदोलन को तेज धार देते हुआ कहा कि बिना जांच के गिरफ्तार करने का कानून तो पाकिस्तान में भी नहीं है। देश को जाति में बांटने वालों को सबक दिखा दिया जाएगा। ‘मर्डर और घोटाले में बेल, झूठी रिपोर्ट कराने पर जेल यह कैसा कानून है? छह सितंबर (आज) को पूरे भारत के सवर्ण बंद में शामिल होकर सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे।

सवर्ण आयोग के गठन की मांग

केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी ऐक्ट में संशोधन से उबले सवर्ण संगठनों के छह सितम्बर को ‘भारत बंद के आह्वान के बीच वृंदावन स्थित शांतिसेवा धाम में आयोजित विप्र महाकुंभ को संबोधित करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जाति के आधार पर समाज का विभाजन न किया जाए। एससी-एसटी ऐक्ट की नई व्यवस्था में निर्दोषों के मुकदमों में फंसने की चिंता है। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने अगर एससी/एसटी ऐक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी की व्यवस्था को दो महीने में वापस नहीं लिया तो विप्र समाज नए विकल्प तलाशेगा। एससी/एसटी ऐक्ट के खिलाफ आक्रोश जताते हुए केंद्र सरकार से सवर्ण आयोग के गठन की मांग की गई। कश्मीरी ब्राह्मणों को पुन: स्थापित करने, गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने और देवी- देवताओं की मूर्तियों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करने को कहा गया।

आज भारत बंद का ऐलान

एससी/एसटी ऐक्ट में बदलाव के खिलाफ विप्र महाकुंभ में देवकीनंदन ने कहा, सरकार के फैसले के खिलाफ छह सितंबर को भारत बंद रहेगा। सवर्णों के 35 संगठन इस बंद का आह्वान कर रहे हैं। राजनीति में न आने के संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि हम नोटा नहीं दबाएंगे, बल्कि विकल्प देंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं, क्योंकि मैं ही सरकार हूं। हमारे अंगूठे से ही सरकार बनती-बिगड़ती है। मैं नोटा पर बटन दबाना नहीं चाहता हूं। हम नोटा दबाते रह जाएंगे और फायदा कोई और ले जाएगा। हम लोटा की तरह बहकर रह जाएंगे। अब नोटा का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि देश को एक उत्तम विकल्प देंगे। देवकीनंदन बोले- नेताओं ने संसद में बैठकर समाज को बांट दिया, उन्हें क्या सिर्फ एससी-एसटी का वोट चाहिए।

हमारा दायित्व अन्याय का विरोध

उन्होंने कहा कि जब देश के राजनीतिज्ञ सिर्फ वोटों को ध्यान में रखकर सामाजिक न्याय की व्यवस्था के विपरीत जाकर निर्णय लें और लोगों के मानव अधिकारों का हनन करें, तो हम सभी का दायित्व है कि उस अन्याय का विरोध करें। हम सभी वर्ग-समाजों के लोगों को एकसमान व्यवस्था में साथ चलने के लिए कह रहे हैं। यदि, अभी भी ऐसी विसंगतियों को दूर कर सामाजिक ढांचा व न्याय व्यवस्था को नहीं सुधारा गया तो आने वाले समय में विभिन्न समाजों के लोग एक-दूसरे के साथ बैठना भी पसंद नहीं करेंगे।

अहिंसक आंदोलन की अपील

देवकीनंदन बोले, मैं समाज के बीच रहता हूं और हर अपनी जिम्मेदारी को पहचानते हुए इस मुहिम को शुरू किया। हम सरकार तक जनप्रतिनिधि व अफसरों के माध्यम से अपनी बात पहुंचा रहे हैं। हम हर व्यक्ति से अहिंसक व कानून के दायरे में रहकर मुहिम को चलाने की बात कह रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें