श्रद्धालुओं के कदम बढ़ने लगे गिरिराज धाम की ओर
आस्था के कदम धीरे-धीरे गिरिराज धाम की ओर बढ़ने लगे हैं। मिनी कुम्भ कहे जाने वाले मुड़िया पूर्णिमा मेला श्रद्धालुओं की आस्था के जुनून में सुध बुध खोये श्रद्धालु गिरिराज महाराज के जयकारों के बीच परिक्रमा...
आस्था के कदम धीरे-धीरे गिरिराज धाम की ओर बढ़ने लगे हैं। मिनी कुंभ कहे जाने वाले मुड़िया पूर्णिमा मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। सुध बुध खोए श्रद्धालु गिरिराज महाराज के जयकारों के बीच परिक्रमा लगा रहे हैं।
गिरिराज तलहटी के प्रमुख मंदिरों पर सजावट हो गई है। परिक्रमार्थियों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। पग-पग पर उमड़ती आस्था और श्रद्धा देखी जा सकती है। यूं तो वर्ष भर श्रद्धालु गिरिराज जी की परिक्रमा लगाने आते हैं, लेकिन मुड़िया पूर्णिमा के पांच दिन देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। गोवर्धन तीर्थ पर द्वापरयुग में भगवान श्री कृष्ण का मान बढ़ा, जहां पतित पावनी भगवान श्री कृष्ण के मन से प्रकट मानसी गंगा व राधाकुंड और श्यामकुंड का अनूठा संगम है। जहां भगवान श्रीकृष्ण ने तरह-तरह की लीलाएं की थीं। उसी को ध्यान में रखते हुए देश-विदेश से श्रद्धालु परिक्रमा कर मानसी गंगा में स्नान करने के बाद गिरिराज महाराज पर दुग्धाभिषेक कर मनौती मांगते हैं। वहीं गिरिराज धाम में भक्त नंगे पैर परिक्रमा कर अपने आप को धन्य समझते हैं।
गिरिराज के पहला कोस की राह आसान नहीं
गोवर्धन। गिरिराज की सप्तकोसीय परिक्रमा का हर कोस का अपना अलग महत्व है। प्रशासन मुड़िया मेले में पूरी तैयारी करने का दावा कर रहा है। लेकिन पहला कोस कंकरीट से भरा है। 21 किमी परिक्रमा को वैसे तो कहीं से भी शुरू किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर श्रद्धालु मान्यता के अनुसार परिक्रमा दानघाटी मंदिर से दुग्धाभिषेक कर शुरू करते हैं। परिक्रमा के पहला कोस जहां कंकरीट व पथरीली कठिनाइयों से भरा है, वहीं कच्चा परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह गिट्टियां बिखरी हैं। पर्वतराज के किनारे करीब दो किमी लंबा रास्ता कच्चा है, जिसमें अंधेरा पसरा रहता है। दानघाटी मंदिर से आन्यौर तक कच्चे परिक्रमा मार्ग पर भी श्रद्धालुओं को कंकड़ परेशान कर रहे हैं, लेकिन श्रद्धालु विचलित नहीं हैं और गिरिराज महाराज की जय-जयकार के साथ आगे बढ़ रहे हैं। गोवर्धन से आन्यौर तक कुछ स्थानों पर परिक्रमा मार्ग के दोनों तरफ बारिश का पानी जमा है। इस चार किमी लंबे परिक्रमा मार्ग में करीब एक दर्जन प्याऊ व भंडारे सेवाभावी लोगों द्वारा लगाए गए हैं। परिक्रमा मार्ग में पं. गया प्रसाद जी समाधि स्थल, चरणामृत कुंड, शंकरर्षण कुंड, गोविन्द कुंड के श्रद्धालु दर्शन कर अपने आप को धन्य पाते हैं।
परिक्रमा मार्ग में अस्थाई कनेक्शन केवल 16
गोवर्धन। परिक्रमा मार्ग में लगने वाली दुकान, भंडारे और प्याउ के लिए विद्युत विभाग द्वारा 5 दिन के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन देने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक सिर्फ 16 ही लोगों ने 5 दिन के लिए अस्थायी कनेक्शन लिए हैं। एक्सीएन गोवर्धन सिद्धार्थ रंजन ने बताया कि जिन लोगों ने अस्थायी कनेक्शन नहीं लिए हैं उनके यहां छापेमार कार्रवाई की जाएगी।