बोले मथुरा-यहां की दशा कब सुधरेगी सरकार
Mathura News - मोहिनी एस्टेट कॉलोनी के नागरिक नारकीय स्थिति में जीने को मजबूर हैं। गंदगी, जर्जर सड़कें और जलभराव के कारण उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के...

शहर की मोहिनी एस्टेट कॉलोनी के नागरिक इन दिनों नारकीय हालातों में जीने को मजबूर हैं। यहां कॉलोनी में जगह-जगह पर गंदगी, जर्जर और कच्ची सड़कें व जलभराव लोगों के लिए समस्या बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई उनकी समस्याओं की सुनवाई नहीं कर रहा है। जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट लेने के लिए यहां आते हैं। यहां की समस्याओं को समाधान करने में न तो अधिकारी रुचि ले रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। कॉलोनी में करीब 70-80 मकान हैं। यहां समस्याओं का अंबार है। यहां के निवासी उन समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर हैं।
कॉलोनी की मुख्य समस्या यहां की जर्जर सड़क और बारिश के मौसम में उन पर होने वाला जलभराव है। कॉलोनी में नालियां न होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां हल्की सी बारिश में पूरी कॉलोनी में भारी जलभराव हो जाता है। जलभराव होने के कारण बाहर जाने के लिए लोगों को पानी से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इन दिनों जलभराव का गंदा पानी लोगों के घरों में घुसकर हिलोरें ले रहा है। थोड़ी सी बारिश से ही यह पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। जलभराव कम होने के बाद समस्याएं और भी बढ़ जाती है। पानी निकलने के बाद यह अपने पीछे भारी गंदगी छोड़ जाता है। इससे यहां पूरे गंदगी का आलम बना रहता है। उस गंदगी में पनपते मच्छर यहां संक्रामक बीमारियों को दावत देते हैं। इन दिनों मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों को डेंगू, मलेरिया जैसी बिमारियों का डर सताने लगा है। वहीं चारो ओर गंदगी पसर जाने से लोगों को यहां भारी दुर्गंध का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में यहां के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। स्थानीय निवासी कहते हैं कि कॉलोनी को नगर निगम में शामिल तो कर लिया गया। तमाम टैक्स थोप लगा गए हैं, लेकिन अभी तक कोई सुविधा कॉलोनी के लिए नहीं की गई है। कॉलोनी के गेट तक डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाली गाड़ी आती है, लेकिन कभी कॉलोनी के अंदर नहीं घुसती, बाहर से ही निकल जाती है। तीन माह में धंस गए नाली और खरंजा: कॉलोनी में तमाम शिकायतों के बाद स्थानीय पार्षद के प्रयास से करीब तीन माह पूर्व करीब 230 मीटर लंबा एक इंटरलॉकिंग खरंजा एवं नाली का निर्माण कार्य कराया गया था। यहां गंगाराम के मकान से शिव मंदिर तक इसके निर्माण में करीब 28 लाख रुपये की लागत आयी थी। इसके निर्माण को अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और पहली ही बारिश में यह नई नालियां धंस गई और इंटरलॉकिंग सड़क भी उसी के साथ उखड़ गई है। इसका करीब 50 फुट से अधिक लंबा हिस्सा शुरुआत से ही बर्बाद है। यहां प्लॉट में मिट्टी न होने के कारण नाली और खरंजा ढह गए हैं। मोहिनी एस्टेट में जगह-जगह गंदे पानी के जलभराव के कारण गंदगी और बदबू फैल रही है। वहीं मक्खी-मच्छर व कीड़े-मकोड़े भी पनप रहे हैं। इसके चलते यहां लोगों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है। यहां भरे हुए गंदे पानी की अविलंब निकासी होनी चाहिए। - कैप्टन सहदेव यह कॉलोनी नगर निगम के वार्ड संख्या 33 में आती है। यहां निगम ने करीब तीन माह पूर्व गंगाराम के मकान से शिव मंदिर तक करीब 29 लाख रुपए से नाली व इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण कराया था। यहां सड़क और नालियां तीन महीने में ही जगह-जगह से टूट गई हैं। कुछ दिन में और टूट जाएंगी। - रामवीर सिंह कॉलोनी में नालियां नहीं होने के कारण घरों का गंदा पानी कच्चे रास्तों पर बहता रहता है। जगह-जगह खाली प्लॉट एवं खुले स्थानों में एकत्रित हो जाता है। इससे यहां पर जगह-जगह गंदे पानी का जलभराव रहता है। उन स्थानों पर गंदे पानी की निकासी के कभी कोई इंतजाम नहीं करता है। - विनोद नालियां न होने से कच्चे रास्तों पर बहते गंदे पानी से कीचड़ व गंदगी रहती है। इन रास्तों से गुजरना वृद्ध और बच्चों के लिए खतरनाक होता है। कीचड़ में फिसलने से यहां अक्सर राहगीर दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। इसलिए यहां नालियों का निर्माण कराया जाना बेहद जरूरी हो गया है। - राधेश्याम कॉलोनी के कच्चे रास्तों से राहगीरों का निकलना मुश्किल हो गया है। बरसात के मौसम में यहां कीचड़ एवं फिसलन जैसी स्थिति हो जाती है। इससे राहगीरों के लिए आवगमन बाधित होता जा रहा है। इन रास्तों से दुपहिया और चौपहिया वाहन निकलने में भी परेशानी होती है। - सत्यवीर मोहिनी स्टेट को नगर निगम में शामिल कर यहां पर हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि तमाम तरह के टैक्स तो लगा दिए हैं लेकिन कॉलोनी वासियों के लिए अभी तक कोई सुविधा नहीं की गई है। नगर निगम और शासन प्रशासन के अधिकारी एवं नेताओं का कॉलोनी पर कोई ध्यान नहीं है। - आरती चौधरी
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