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ब्रज के इन मुद्दों पर भी गौर फरमाएं प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मथुरा में बुधवार के आगमन को लेकर ब्रजवासी उत्साहित हैं। साथ ही अपने प्रधानमंत्री से लोगों को कई उम्मीदें भी हैं। यमुना प्रदूषण की पुरानी समस्या हो या उद्योग धंधों की...

ब्रज के इन मुद्दों पर भी गौर फरमाएं प्रधानमंत्री
हिन्दुस्तान टीम,मथुराWed, 11 Sep 2019 01:02 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मथुरा में बुधवार के आगमन को लेकर ब्रजवासी उत्साहित हैं। साथ ही अपने प्रधानमंत्री से लोगों को कई उम्मीदें भी हैं। यमुना प्रदूषण की पुरानी समस्या हो या उद्योग धंधों की स्थापना का मुद्दा, सबको उम्मीद है कि पीएम मोदी ब्रज की जनअपेक्षाओं को लेकर कोई न कोई घोषणा जरूर करके जाएंगे, जिससे न केवल विकास होगा, बल्कि कुछ समस्याएं भी सुलझेंगी।

1-घोषणा बहुत हुईं, अबत तो यमुना प्रदूषण मुक्त हो

ब्रज की आराध्या यमुनाजी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की मांग बहुत पुरानी है। यमुना का प्रदूषण खत्म करने के केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना प्रारंभ की है, लेकिन अभी तक यमुना पर इसका कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा। यमुना प्रदूषण को लेकर समय-समय पर आंदोलन भी होते रहे हैं। तमाम घोषणाएं तो हुईं लेकिन यमुना की दशा अभी नहीं सुधरी हैं। श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं। अब जब प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो लोगों की अपेक्षा है कि पीएम मोदी यमुना प्रदूषण को दूर करने संबंधी कोई घोषणा करें।

2-दिल्ली एनसीआर-

मथुरा को दिल्ली एनसीआर में शामिल करने के लिए काफी समय से मांग उठ रही है। सांसद हेमामालिनी ने भी इसकी संस्तुति की थी, लेकिन अब तक मथुरा के लोग एनसीआर में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। पीएम से उम्मीद है कि वे मथुरा को दिल्ली एनसीआर में शामिल कराएंगे।

3-पोशाक, श्रंगार उद्योग के लिए पैकेज-

ब्रज क्षेत्र के लघु एवं कुटीर कामगारों को उम्मीद है कि यहां के धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ठाकुरजी की पोशाक, मुकुट श्रंगार उद्योग के विकास के लिए विशेष पैकेज घोषित करें। ताकि इस उद्योग से जुड़े उद्यमियों एवं कारीगरों के लिए आर्थिक मजबूती मिल सके।

4-उद्योग धंधों की स्थापना-

टीटीजेड क्षेत्र में सितंबर 2016 से उद्योगों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इससे मथुरा में उद्योग धंधों की स्थापना नहीं हो पा रही है और यहां का आर्थिक विकास रुका हुआ है। इस प्रतिबंध को हटाकर ही मथुरा का विकास हो सकेगा। कोई बड़ा उद्योग यहां लगाया जाए, जिससे यहां उससे संबंधित छोटे उद्योग भी रफ्तार पकड़ सकें।

5-ज्वेलरी पार्क और इंस्टीट्यूट की स्थापना-

मथुरा में स्किल इंडिया के तहत ज्वेलरी पार्क और इससे संबंधित इंस्टीट्यूट की मांग स्थानीय उद्यमी पूर्व से ही उठा रहे हैं। इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और यमुना प्रदूषण भी रुकेगा। छोटी पूंजी वाला व्यापारी या कारीगर भी अपना माल बनाकर बेच सकेगा।

6-जीएसटी की जटिलता-

कच्चे और तैयार माल की जीएसटी दरों में भारी अंतर है। उदाहरण के लिए इससे पायल उद्योग बदहाली के कगार पर पहुंच रहा है। व्यापारियों की मांग है कि जीएसटी की जटिलता को आसान बनाने की दिशा में ठोस कदम उठने चाहिए। जीएसटी की दरों में अंतर होने से मथुरा के पायल उद्योग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

7-ट्रॉमा सेंटर की स्थापना-

मथुरा जनपद की सीमा में यमुना एक्सप्रेसवे और हाईवे पर एक ट्रॉमा सेंटर की कमी विगत कई सालों से महसूस की जा रही है। इन स्थानों पर ट्रॉमा सेंटर की कमी के कारण काफी लोग देरी से इलाज मिलने के कराण असमय ही सड़क हादसों में जान गंवा बैठते हैं। लोगों को उम्मीद है कि पीएम इस संबंध में कोई घोषणा करें।

8-बंदरों के आतंक से मुक्ति-

मथुरा के विभिन्न भागों में बंदरों का बहुत आतंक है। स्थानीय लोगों तो बंदरों के शिकार होते ही रहते हैं, बाहरी श्रद्धालु भी बंदरों के हमले झेलते हैं। स्थानीय अधिकारी इस समस्या पर सुनवाई नहीं करते। ऐसे में लोगों को पीएम मोदी से उम्मीद है कि वे बंदरों की इस समस्या को लेकर कोई निर्देश या घोषणा करेंगे।

9-तीर्थ स्थल की घोषणा-

ब्रज के सात स्थल पूर्व में तीर्थस्थल घोषित हो चुके हैं, जबकि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा ही इससे अभी तक वंचित हैं। ऐसे में लोगों की प्रधानमंत्री मोदी से अपेक्षा है कि वह मथुरा को भी तीर्थ स्थल घोषित करें। ब्रज के सभी तीर्थों का सिरमौर तो मथुरा ही है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था।

10-सरकारी चिकित्सकों की कमी-

मथुरा में वर्तमान में 79 सरकारी चिकित्सक तैनात हैं, जबकि मरीजों की संख्या को देखते हुए अनुमानत: आधा सैकड़ा से अधिक चिकित्सकों की अभी और जरूरत है। ऐसे में पीएम मोदी से उम्मीद है कि वह स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए चिकित्सकों की भर्ती कराएं।

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