बंदियों के तैयार किए सामान से सजेंगे लोगों के घर
जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों द्वारा घर की सजावट का सामान तैयार किया जा रहा है। सजावटी सामान में बंदी बांस का प्रयोग कर रहे हैं। उनके द्वारा आकर्षक फाउंटेन, दीवार पर लटकने वाले लैंप और झाड़ बनाए जा...
जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों द्वारा घर की सजावट का सामान तैयार किया जा रहा है। सजावटी सामान में बंदी बांस का प्रयोग कर रहे हैं। उनके द्वारा आकर्षक फाउंटेन, दीवार पर लटकने वाले लैंप और झाड़ बनाए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा से जलने वाली लालटेन भी उनके द्वारा तैयार की गई है।
जेल प्रशासन ने विभिन्न मामलों में निरुद्ध बंदियों के बीच प्रतिभाओं की तलाश कर उसका सही प्रयोग किया जा रहा है। बंदी भी आगे आकर अपने हुनर का कमाल दिखा रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को कच्चा माल उनकी मांग के अनुसार उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद बंदी सामान तैयार करते हैं। बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक सामान को काफी सराहा जा रहा है। जेल प्रशासन की मंशा बंदियों द्वारा तैयार सामान को बाजार में उतारने की है। इससे बंदियों को रोजगार के साथ साथ जेल से छूटने के बाद रोजगार भी उपलब्ध होगा। जेल प्रशासन भी बंदियों की हौसला अफजाई करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
बिक्री के लिए रखा जाएगा सामान
बंदियों द्वारा तैयार सामान को जेल प्रशासन बिक्री के लिए रखेगा। इसके लिए जेल प्रशासन जेल के बाहर स्टॉल लगाने की व्यवस्था करेगा। जेल के बाहर स्टॉल से कोई भी व्यक्ति सामान खरीद सकता है। सामान की बिक्री से होने वाले लाभ का आधा पैसा बंदी कल्याण कोष में जमा होगा।
व्यापारियों से किया जा रहा संपर्क
बंदियों के सामान की बिक्री के लिए जेल प्रशासन बाजार भी तलाशने में जुटा है। इसके लिए कारोबारियों से बात की जा रही है। जेल में निर्मित घर की सजावट का सामान व्यापारी के आर्डर पर तैयार किया जाएगा।
काम सीखने में बंदी दिखा रहे रुचि
जेल में बनने वाले सामान और उसे बनानी सीखने के लिए दूसरे बंदी भी रुचि दिखा रहे हैं। बंदी इसके लिए जेल प्रशासन से संपर्क कर काम सीखने का आग्रह कर रहे हैं।
जेल में बंदियेां द्वारा घर का सजावटी सामान तैयार किया जा रहा है। उनके द्वारा तैयार किए गए सामान की बिक्री के लिए जेल के बाहर स्टॉल लगाई जाएगी। दूसरे कारोबारियों से भी संपर्क किया जा रहा है। आर्डर पर भी माल तैयार किया जाएगा। काम सीखने में काफी बंदी रुचि दिखा रहे हैं।
-शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक