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रोचक अर्जियां....ठा. बांकेबिहारी मुझे तुम जैसा पति मिले

वृंदावन। अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए भक्त कहीं भगवान की पूजा अर्चना करता है तो कहीं व्रत रखकर, हवन-यज्ञ कर या फिर अन्य तरीकों से भगवान को मनाने...

रोचक अर्जियां....ठा. बांकेबिहारी मुझे तुम जैसा पति मिले
हिन्दुस्तान टीम,मथुराFri, 22 Oct 2021 03:11 AM
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वृंदावन। अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए भक्त कहीं भगवान की पूजा अर्चना करता है तो कहीं व्रत रखकर, हवन-यज्ञ कर या फिर अन्य तरीकों से भगवान को मनाने का प्रयास करता है। वहीं बहुत से भक्त अपने आराध्य के दरबार में पहुंच कर अपनी अर्जी भगवान की शरण में लगाते हैं। ताकि उनको मनवांछित फल की प्राप्ति हो सके।

ऐसी अनेक अर्जियां देश-विदेश से आए भक्तों द्वारा ठा. बांकेबिहारी की शरण में आकर लगाई जा रही हैं। जिनमें लोग अपने दु:ख दर्द, बीमारी, परिवार की सुख शांति, समृद्धि समेत अपनी पढ़ाई में सफलता, नौकरी लगने, शादी होने और व्यापार धंधा अच्छा चलने के लिए ठाकुरजी से प्रार्थना करते हैं। इसमे भक्त भगवान के नाम पत्र लिखकर उनके दरबार में छोड़ जाते हैं या फिर दान पात्र में डाल देते हैं ताकि उनकी मुराद भगवान तक पहुंच जाए और उनके सारे काम सफल हो जाएं।

मंदिर के सहायक प्रबंधक उमेश चंद्र सारस्वत ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन दर्जनों ऐसी अर्जियां आती हैं। वहीं जब दान पात्र (गोलक) खोली जाती हैं तब उनमें से भी ऐसे कई पत्र (अर्जी) निकलते हैं। जिन्हें भक्त की भावना के अनुरुप ठाकुरजी के चरणों में अर्पित कर दिया जाता है। बताया कि इन अर्जियां में लोग अलग-अलग तरह की कामना करते हैं। जिनमें कोई कहता है ...उन्हें भगवान अच्छे नंबर से पास करा दो, मेरी नौकरी लग जाए, मेरा व्यापार धंधा अच्छा चल जाए, मेरे पिताजी की तबियत ठीक कर दो, मेरी मां को स्वस्थ्य कर दो बांकेबिहारी, बांकेबिहारी मेरी शादी करा दो, बांकेबिहारी मुझे तुम जैसा पति मिले, बिहारीजी मुझे मेरे प्यार से मिला दो, मेरे पति की नशे की लत छुड़वा दो, मुझे बीमारी से मुक्ति दिला दो।

बहुत से लोग अपनी मनोकना पूर्ण होने पर भगवान का शुक्रिया भी अदा करते हैं। मंदिर सेवायत मयंक गोस्वामी बंटू ने बताया कि भक्त अपनी कोई न कोई कामना लेकर ही ठाकुरजी के दरबार में आते हैं। भगवान भी अपने सच्चे भक्त की मनोकामना पूर्ण करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। बताया कि कई बार बाहर रह रहे भक्त पत्र के माध्यम से अपनी अर्जी उनके पास भेजते हैं। जिन्हें वे भगवान के चरणों में रखकर भक्त की ओर से मनोकामना पूर्ण करने प्रार्थना करते हैं।

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