आग के मुहाने पर होटल और गैस्टहाउस
जनपद के होटल, गैस्टहाउस और आश्रम आग के मुहाने पर हैं। यहां के अधिकतर होटल, गैस्टहाउस, आश्रम और धर्मशालाएं बिना अग्नि सुरक्षा उपायों के संचालित हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते...
जनपद के होटल, गेस्टहाउस और आश्रम आग के मुहाने पर हैं। यहां के अधिकतर होटल, गेस्टहाउस, आश्रम व धर्मशालाएं बिना अग्नि सुरक्षा उपायों के संचालित हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
जनपद में होटल, गेस्टहाउस, आश्रम और धर्मशालाओं की संख्या काफी अधिक है। मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन में बड़ी संख्या में आश्रम और गेस्टहाउस हैं। इसमें से अग्निशमन की सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करने वाले केवल 212 होटल व गेस्टहाउस ही पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं। बाकी सब यहां आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर सिर्फ कमाई करने में जुटे हैं। इनके पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं है। प्रशासन भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। अगर इनमें आग लग जाए तो वहां सुरक्षा के कोई उपाय नहीं मिलेंगे।
रेस्टोरेंट में सिलेंडर फटा
दो सप्ताह पूर्व गोवर्धन रोड पर एक ऐसे ही रेस्टोरेंट में घरेलू गैस सिलेंडर फटने रेस्टोरेंट तहस-नहस हो गया था। यहां अग्निशमन उपाय न होने के चलते काफी देर बाद आग पर काबू किया जा सका था।
फाइव स्टार सुविधा के आश्रम
सर्वाधिक सघन बसावट वृंदावन में और गोवर्धन में हैं। इन फाइव स्टार सुविधाओं से लैस भवनों को टैक्स से बचाने को आश्रम और धर्मशाला नाम दे रखा है। यहां पर जितने आश्रम, धर्मशाला और गेस्टहाउस चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं है।
जिले में 212 होटल, गेस्टहाउस ही हमारे यहां पर पंजीकृत हैं। जो सारी औपचारिकताएं पूरी कर लेते हैं, उन्ही को हमारे यहां पंजीकृत किया जाता है।
-डीके शर्मा, पर्यटन अधिकारी