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मथुरा पहुंच चुके हैं 100 रोहिंग्याई

मथुरा में भी रोहिंग्या पहुंच चुके हैं। जनपद में कई स्थानों पर रोहिंग्या डेरा डाले हुए हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन की जानकारी में यह नहीं है, प्रशासन की जानकारी में ये सभी लोग हैं और उन पर इंटेलीजेंस...

मथुरा पहुंच चुके हैं 100 रोहिंग्याई
हिन्दुस्तान टीम,मथुराSat, 18 Jan 2020 12:19 AM
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मथुरा में भी रोहिंग्या पहुंच चुके हैं। जनपद में कई स्थानों पर रोहिंग्या डेरा डाले हुए हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन की जानकारी में यह नहीं है, प्रशासन की जानकारी में ये सभी लोग हैं और उन पर इंटेलीजेंस बराबर निगाह रखे हुए है।

सूत्रों के अनुसार जनपद में रोहिंग्या कई स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं। ये लोग कबाड़ बीनने का कार्य कर रहे हैं। इन्होंने झुग्गी के रूप में अस्थायी आवास विभिन्न स्थानों पर बना रखे हैं। सूत्रों का कहना है कि कोसीकलां, पालीखेड़ा, आजमपुर क्षेत्र में यह रह रहे हैं। इसकी जानकारी प्रशासन को है। खुफिया तंत्र इन पर निगाह रखे हुए हैं। इनके यहां होने की जानकारी होते ही प्रशासन सक्रिय हो गया था। इन सभी के फिंगर प्रिंट्स, आई इंप्रेशन, फोटो ले लिए गए हैं। कुल मिलाकर बायोमैट्रिक पहचान इनकी दर्ज कर ली गई है। यहां पर इनकी संख्या इस समय करीब 100 है। इनके खिलाफ कार्रवाई भले ही नहीं की जा रही लेकिन इन पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। इनसे साफ कहा गया है कि अगर कोई नया व्यक्ति उनके यहां आए तो फौरन सूचित करें।

रिफाइनरी के पास से हटाया

रिफाइनरी के समीप कुछ रोहिंग्या ने डेरा डाला था और कबाड़ बीनने का कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन रिफाइनरी के आसपास का क्षेत्र संवेदनशील होने के कारण इन्हें वहां से हटा दिया गया।

इसलिए नहीं की जा रही कार्रवाई

जानकारी के अनुसार इन रोहिंग्या को यूनाइटेड नेशन रिहेबिलिटेशन आयोग द्वारा कार्ड दिए गए हैं। इन्हें यहां की नागरिकता तो नहीं दी गई, लेकिन इस कार्ड के कारण ये रोहिंग्या यहां रह सकते हैं। यहां रहकर ये लोग कोई गड़बड़ी न कर सकें और फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर अपने को नागरिक सिद्ध न कर सकें, इसलिए इनकी बायोमैट्रिक पहचान दर्ज कर ली गई है। इससे फायदा यह होगा कि अगर इनमें से कोई आधार आदि दस्तावेज बनवाने की कोशिश करेगा तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा।

सुबह-शाम रखी जाती है निगाह

सूत्रों ने बताया कि इन रोहिंग्या पर इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट निगाह रख रहा है। जहां ये लोग रह रहे हैं, वहां पर सुबह-शाम तो देखा ही जा रहा है, बीच में कभी भी इंटेलीजेंस द्वारा जानकारी कर ली जाती है। यह देखा जाता है कि यहां कुछ गड़बड़ तो नहीं हो रही या यहां कोई अन्य व्यक्ति तो नहीं पहुंच गया।

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