
गोरखपुर हत्याकांड में एसटीएफ का ऐक्शन, रामपुर में एक लाख का इनामी गो-तस्कर एनकाउंटर में ढेर
संक्षेप: गोरखपुर में छात्र दीपक गुप्ता की नृशंस हत्या के मामले में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। छात्र की हत्या के मुख्य आरोपी गो-तस्कर जुबैर को एसटीएफ ने रामपुर में एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
गोरखपुर में छात्र की हत्या के मामले में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। छात्र दीपक की हत्या के बाद से फरार मुख्य आरोपी पशु तस्कर और एक लाख के इनामी को रामपुर में एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। शुक्रवार देर रात एसटीएफ और गंज थाना पुलिस की पशु तस्कर के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एसटीएफ और पुलिस ने बचाव करते हुए फायरिंग की थी।
गोरखपुर में पिपराइच क्षेत्र के जंगल धूषण महुआ चापी में तीन गाड़ियों से पशु तस्कर गांव में पहुंचे थे। इसके बाद वह मवेशियों को खूंटे से खोलने लगे थे। गांव वालों ने शोर मचाया था। इसी दौरान 19 साल का छात्र दीपक गुप्ता भी शोर मचाते हुए उनके पीछे दौड़ा था। तस्करों ने दीपक को पकड़कर जबरन डीसीएम में बैठा लिया और करीब एक घंटे तक घुमाने के बाद उसे गाड़ी से फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। पशु तस्करों ने युवक के शव को घर से चार किलोमीटर दूर ले जाकर फेंक दिया था।
इस घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने पशु तस्करों की डीसीएम को आग के हवाले कर दिया। हालांकि घटना के बाद पशु तस्कर दूसरे वाहन से फरार हो गए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई थी। इस दौरान बीच बचाव के दौरान कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। बाद में गोरखपुर पुलिस ने इस प्रकरण में छानबीन की एक आरोपी की जानकारी रामपुर शहर कोतवाली क्षेत्र के घेर मर्दान खां निवासी जुबैर के होने की सामने आई थी। जिसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख का इनाम रखा गया। पुलिस और एसटीएफ तब से ही इसकी तलाश में जुटी थी। शुक्रवार देर रात एसटीएफ सूचना पर आरोपी का पीछा कर रही थी। जिसके बाद गंज क्षेत्र में एसटीएफ और गंज पुलिस ने जुबैर को रोकने का प्रयास किया। जुबैर ने देखते ही फायरिंग कर दी। बचाव के लिए एसटीएफ और थाना पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पशु तस्कर ढेर हो गया। पुलिस ने उसके शव को जिला अस्पताल भेज दिया है।
एसटीएफ और शहजादनगर पुलिस के साथ भी हुई थी मुठभेड़
गोरखपुर बवाल में नाम सामने आने वाले पशु तस्कर को इसी साल बलरामपुर के तुलसीपुर थाना क्षेत्र में एक वाहन मे गोवंशीय पशु ले जाते समय रोका गया था। इस दौरान उसने और उसके साथियों ने पुलिस पर हमला किया था। जिसमें हेड कांस्टेबिल मनीष कुमार के सिर में गंभीर चोट आई थी। बाद में बलरामपुर पुलिस ने आरोपी पर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। जिसके बाद शहजादनगर क्षेत्र में बाईपास के पास एसटीएफ और शहजादनगर पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई थी। जिसमे वह घायल हुए था और जेल गया था। बाद में जेल से बाहर आने पर उसने गोरखपुर कांड को अंजाम दिया था।
एसपी विद्या सागर मिश्र ने बताया, गोरखपुर प्रकरण में शामिल तस्कर के साथ एसटीएफ और गंज पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। जिसके गोली लगने से वह ढेर हो गया है। शव को जिला अस्पताल भिजवाया गया है।





