बोले मैनपुरी: मोहनपुर में रुका विकास का पहिया
Mainpuri News - मैनपुरी। जिले के सुल्तानगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत मोहनपुर की आबादी करीब दो हजार है।

जिले के सुल्तानगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत मोहनपुर की आबादी करीब दो हजार है। यहां एक हजार मतदाताओं ने बेहतर विकास और सुविधाओं की उम्मीद में ग्राम प्रधान को चुना। जल जीवन मिशन से पानी की टंकी बनी, पीएम आवास योजना से दर्जनों परिवारों को लाभ भी मिला, लेकिन कई समस्याएं आज भी ग्रामीणों को घेरे हुए हैं। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी संवाद में ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट, बरात घर और खेल मैदान जैसी बुनियादी आवश्यकताएं अब भी अधूरी हैं। रेलवे अंडरपास का जलभराव और प्रकाश व्यवस्था की कमी से लोग रोजाना परेशान रहते हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि बजट मिलते ही रुके हुए कार्य पूरे होंगे और प्रशासन आवश्यक इंतजाम कराएगा।
मोहनपुर ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की गति धीमी होने से ग्रामीण परेशान हैं। जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी तो बन गई, मगर सप्लाई सभी घरों तक सुचारू रूप से नहीं पहुंच पा रही है। सीढ़ी टूटने से सुरक्षा संकट भी बना हुआ है। ग्रामीणों की मांग है कि विभाग इसे तुरंत दुरुस्त कराए। श्मशान घाट की सुविधा न होने से अंत्येष्टि में ग्रामीणों को असुविधा उठानी पड़ती है। शासन को पत्र भेजा जा चुका है और बजट मिलते ही इसका निर्माण कराने का आश्वासन दिया गया है। इसी तरह बरात घर का प्रस्ताव भी तैयार है। इसके बन जाने पर ग्रामीणों को विवाह व सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उचित स्थल मिलेगा। गांव की सड़क व्यवस्था आंशिक रूप से सुधरी है। बीस सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन कई कच्चे रास्ते अब भी परेशानी का सबब बने हैं। ग्राम प्रधान का कहना है कि बजट मिलते ही शेष मार्गों को सीसी रोड में बदला जाएगा। वहीं, 35 हैंडपंपों में से कुछ खराब हो गए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि इनकी जल्द मरम्मत कराई जाए। प्रकाश व्यवस्था और सफाई भी बड़ी समस्याएं हैं। अंधेरा होते ही पूरा गांव सुनसान हो जाता है क्योंकि अब तक किसी भी खंभे पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी। साथ ही, 2000 की आबादी वाले गांव में केवल एक सफाई कर्मचारी तैनात है। ग्रामीणों का कहना है कि कम से कम दो नए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए, तभी गांव को स्वच्छ रखा जा सकेगा। रेलवे अंडरपास में हर बारिश के बाद जलभराव हो जाता है, जिससे ग्रामीणों का निकलना दूभर हो जाता है। प्रशासन यदि पंप या जल निकासी की व्यवस्था करे तो यह समस्या खत्म हो सकती है। पीएम आवास योजना के तहत 44 परिवारों को लाभ मिला है, जबकि कई नए आवेदनों की जांच लंबित है। ग्रामीण चाहते हैं कि समय रहते सभी पात्रों को आवास मिले। खेल का मैदान और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं अब तक उपलब्ध नहीं हैं। युवा वर्ग को उम्मीद है कि मिनी स्टेडियम और लाइब्रेरी स्थापित होने पर उन्हें खेलों व पढ़ाई का बेहतर माहौल मिलेगा। मानसरोवर तालाब और बुजुर्गों के बैठने की जगह की दुर्दशा भी लोगों को खटकती है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी साफ-सफाई और मरम्मत तुरंत कराई जाए। ग्रामीणों को भरोसा है कि प्रशासन और सरकार समय रहते बजट जारी करेगी और ग्राम पंचायत मोहनपुर को सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस करेगी। बोले लोग ग्राम पंचायत मोहनपुर में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी बन चुकी है, लेकिन सप्लाई सभी जगह नहीं पहुंच पा रही है। शेष विकास कार्य बजट के अभाव में रुके हैं। बजट मिलते ही अधूरे कार्य पूरे कराए जाएंगे, ताकि ग्रामीणों को सुविधा मिल सके। - सरला देवी, ग्राम प्रधान रेलवे अंडरपास में हल्की बारिश के बाद ही जलभराव हो जाता है। दोपहिया और चारपहिया वाहन निकलना मुश्किल हो जाता है। यह ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या है। जलभराव रोकने के लिए प्रशासन को पंप या उचित निकासी व्यवस्था करनी चाहिए। - मधुरेश कुमार गांव में बुजुर्गों के लिए बैठने और समय बिताने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन तालाब और आसपास की जगहों की हालत खराब हो चुकी है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द सफाई और मरम्मत कराई जाए, ताकि जगह उपयोगी हो सके। - अर्चना गांव में बने मानसरोवर तालाब की हालत बदहाल है। बरसात में जलभराव और गंदगी से लोगों को बैठने में परेशानी होती है। बुजुर्गों और ग्रामीणों के लिए बनी बैठने की व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई है। तालाब की सफाई जरूरी है। - अवनीश शाक्य बच्चों के खेलने के लिए गांव में कोई मैदान नहीं है। इसको लेकर शासन को पत्र भेजा गया है। बजट मिलने पर मिनी स्टेडियम बनेगा, जहां क्रिकेट, फुटबॉल और वॉलीबॉल जैसी खेल प्रतियोगिताएं हो सकेंगी। - अमन संक्रमण रोकथाम के लिए पंचायत में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव नहीं हुआ है। बरसात के मौसम में बीमारियां बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि समय रहते पूरे क्षेत्र में दवा का छिड़काव कराया जाए। - अजय साफ-सफाई के मामले में ग्रामीण अभी भी जागरूक नहीं हैं। कई लोग मुख्य मार्ग के किनारे कूड़ा डालते हैं। यह गंदगी फैलाता है। ग्रामीणों को कूड़ेदान प्रयोग करने के लिए जागरूक करना होगा, तभी गांव को स्वच्छ रखा जा सकेगा। - अमन कश्यप 2000 की आबादी वाले गांव में सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ एक कर्मचारी पर है। अकेले वह पूरे क्षेत्र को स्वच्छ नहीं रख सकता। कम से कम दो नए सफाई कर्मियों की नियुक्ति जरूरी है। तभी सफाई व्यवस्था बेहतर हो सकेगी। - रजत
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