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15 साल पहले हुई दवा खरीद के दस्तावेज शासन ने किए तलब

15 साल पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में हुए घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। ये मामला 15 साल पहले पूर्वाचल के एक विधायक द्वारा विधानसभा में भी उठाया गया था। लेकिन सत्ता...

15 साल पहले हुई दवा खरीद के दस्तावेज शासन ने किए तलब
हिन्दुस्तान टीम,मैनपुरीThu, 31 May 2018 12:14 AM
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15 साल पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में हुए घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। ये मामला 15 साल पहले पूर्वाचल के एक विधायक द्वारा विधानसभा में भी उठाया गया था, लेकिन सत्ता पक्ष के चहेते होने के चलते तत्कालीन सीएमओ पर कार्रवाई नहीं हो सकी और ये मामला दबा दिया गया। लेकिन योगी सरकार ने इस मामले की जांच फिर शुरू करा दी है। सारे अभिलेखों के साथ एक एक जून को सीएमओ को लखनऊ तलब किया गया है।

वर्ष 2002-03 में तत्कालीन बसपा सरकार ने डॉ. आरएस दिवाकर जिला चिकित्सालय में सीएमएस के पद पर कार्यरत थे। बसपा के नजदीकी होने के कारण डॉ. दिवाकर को सीएमओ का भी चार्ज दे दिया गया था। दोनों पदों पर रहते हुए डॉ. दिवाकर के समय में कई मामलों की शिकायतें शासन में हुईं थी। डॉ. दिवाकर द्वारा की गई 4 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी नियुक्ति में भी काफी बवाल हुआ था। उसी दौरान स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद भी डॉ. दिवाकर ने की थी। दवाओं की खरीद में भी कई फर्जीवाड़े सामने आए थे और उसकी शिकायतें भी हुईं थी। जांच होने के बाद डॉ. दिवाकर के प्रभाव के कारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया था। पूर्वांचल के एक विधायक ने भी इस प्रकरण में विधानसभा में भी सवाल उठाया था, लेकिन इस सवाल पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पायी। मामला क्या था और दवा खरीद को लेकर कितने का घोटाला हुआ इसकी रिपोर्ट बुधवार को पूरे दिन सीएमओ कार्यालय में तैयार होती रही।

एक जून को सुबह 10 बजे तक लखनऊ पहुंचने के निर्देश

योगी सरकार ने 15 साल से लंबित इस प्रकरण की जांच कराने का फैसला किया है। सरकार के निर्देश पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने प्रकरण के संबंध में सीएमओ को पत्र भेजा है। जिसमें प्रकरण से जुड़े सारे अभिलेख लेकर आने के निर्देश सीएमओ को दिए गए हैं। कहा गया है कि एक जून को हर हालत में प्रात: 10 बजे तक सीएमओ महानिदेशक कार्यालय में वांछित सूचनाओं के साथ पहुंचे। मामले में लापरवाही न करने की हिदायत भी दी गई है।

महानिदेशक ने पूरे प्रकरण से संबंधित अभिलेख और जानकारी मांगी है। संबंधित कर्मचारियों को इस प्रकरण के सभी दस्तावेज एकत्रित कर शासन को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।

डॉ. अशोक कुमार पांडेय सीएमओ मैनपुरी

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