प्रशासकों को ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी मिल चुकी है। अब विकास कार्यों के लिए प्लानिंग बनाने पर जोर रहेगा। गुरुवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने ग्राम पंचायतों के विकास के लिए बैठक की और निर्देश दिए कि जहां सामुदायिक अस्पताल, पंचायत भवन के निर्माण से जुड़ी जमीन पर विवाद है वहां एसडीएम, तहसीलदार मौके पर जाकर विवाद निपटाएंगे और जो लोग बाधा पैदा करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। ऐसे लोगों पर गुंडा एक्ट लगाने और उन्हें जिला बदर करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने बैठक से गायब भांवत के पंचायत सचिव आलोक को दिन में दो बार जिला विकास अधिकारी कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए।
डीएम ने बैठक में स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक ग्रामीण को मिलनी चाहिए। यदि इस कार्य में लापरवाही हुई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अच्छा काम करने वाले पंचायत सचिव डीडी पांडेय, रामवरन सिंह को प्रशस्ति पत्र देने के निर्देश भी डीएम ने दिए। उन्होंने चिलौसा, नसीरपुर, मधुपुरी, सांडा में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन की भूमि पर स्टे की स्थिति मिलने पर सीडीओ को मौके पर जाकर मामला निस्तारित कराने के लिए कहा। डीएम ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन सफाई कार्य कराए जाएं। गांव में बदला हुआ माहौल नजर आना चाहिए। सीडीओ ईशा प्रिया ने पंचायत सचिवों से कहा कि विभिन्न योजनाओं के सारे कार्य समय रहते पूरे करा लिए जाएं। मनरेगा के श्रमिकों का पंजीकरण श्रम विभाग में करवाने और श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिलवाने के निर्देश भी सीडीओ ने जारी किए। बैठक में पीडी एससी मिश्रा, डीसी एनआरएलएम रंजीत सिंह, डीपीआरओ स्वामीदीन आदि मौजूद रहे।