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नगीना हत्याकांड : पिता-पुत्रों को आजीवन कारावास

पांच वर्ष पूर्व एलाऊ थाना क्षेत्र के ग्राम म्योरा चक में हुए नगीना हत्याकांड में दोषी ठहराए गए पिता और उसके दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन आरोपियों को एडीजे तृतीय पूनम ने 28 अगस्त...

नगीना हत्याकांड : पिता-पुत्रों को आजीवन कारावास
हिन्दुस्तान टीम,मैनपुरीThu, 03 Sep 2020 11:46 PM
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पांच वर्ष पूर्व एलाऊ थाना क्षेत्र के ग्राम म्योरा चक में हुए नगीना हत्याकांड में दोषी ठहराए गए पिता और उसके दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन आरोपियों को एडीजे तृतीय पूनम ने 28 अगस्त को दोषी ठहराया था। गुरुवार को कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट का फैसला आने के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

कुछ इस तरह था मामला

मैनपुरी। 20 मार्च 2015 को मामला एलाऊ थाना क्षेत्र के ग्राम म्योरा चक निवासी इबरार बाइक से गांव लौट रहा था। ग्रामवासी दफेदार के घर के निकट इबरार की बाइक से सामने से आ रहे गांव के ही इरफान की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही इरफान गाली-गलौज करने लगा। इबरार ने उसे रोका तो आरोपी इरफान अपने पिता लियाकत अली, भाई इरशाद और शमशाद को लेकर इबरार के घर में घुस आया और फायरिंग कर दी। इरफान की फायरिंग से इबरार की 16 वर्षीय बहन नगीना की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना में इबरार ने इरफान, इरशाद, शमशाद पुत्रगण लियाकत अली तथा लियाकत अली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इरफान, शमशाद, लियाकत अली को पुलिस ने जेल भेज दिया। चौथे नाबालिग इरशाद को किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया था। इरशाद के मामले की सुनवाई न्याय बोर्ड में ही ट्रांसफर हो गई थी। हालांकि बाद में शमशाद और लियाकत को जमानत मिल गई लेकिन इरफान ने जेल में ही रहकर मुकदमा लड़ा।

धारा 302 में तीनों को सश्रम आजीवन कारावास

मैनपुरी। गुरुवार को कोर्ट ने दोषी ठहराए गए शमशाद, लियाकत और इरफान को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। कोर्ट ने धारा 302 में दोनों सश्रम आजीवन कारावास, 20-20 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 452 में चार वर्ष का सश्रम कारावास, 10-10 हजार का जुर्माना लगाया है। दोनों ही सजाएं एक साथ चलेंगी। इस मामले की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी संजीव कुमार चौहान ने की।

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