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जनता कर्फ्यू के दौरान सन्नाटे के आगोश में रहा मैनपुरी

कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से लॉक डाउन हो गया। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंची गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे...

कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से लॉक डाउन हो गया। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंची गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे...
1/ 2कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से लॉक डाउन हो गया। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंची गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे...
कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से लॉक डाउन हो गया। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंची गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे...
2/ 2कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से लॉक डाउन हो गया। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंची गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे...
हिन्दुस्तान टीम,मैनपुरीSun, 22 Mar 2020 10:50 PM
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कोरोना को लेकर रविवार को मैनपुरी पूरी तरह से सन्नाटे के आगोश में रहा। लोगों की सुबह जल्दी हुई। सुबह पांच बजे से ही लोग घरों से बाहर निकलकर दूध की डेयरियों पर पहुंच गए। दूध वाले से पहले ही कह दिया था कि संडे को दूध जल्दी लाना है। जैसे-जैसे 7 बजने वाले थे। दूध लेकर घर लौटने वालों की रफ्तार भी बढ़ती जा रही थी चूंकि शहर के सभी बड़े पार्क बंद थे। इसलिए मोर्निंग वॉक पर भी लोग कम निकले थे। लेकिन जो लोग निकले थे वह भी 7 बजे से पहले घरों में कैद हो गए।

मैनपुरी के लोगों ने वर्षों बाद अभूतपूर्व बंदी का सामना किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनता का कर्फ्यू जनता के लिए घोषणा की तो सोशल मीडिया सहित पूरे जिले में इस बंदी को लेकर समर्थन दिया जाने लगा। लेकिन संडे को इस तरह बंदी होगी इसकी उम्मीद लोगों को सपने में भी नहीं थी। तेज आवाज के हार्न, इंजन और टायरों की आवाज से गूंजने वाली सड़कें खामोश थी। सुबह 7 बजे से पहले तो प्रमुख सड़कों पर छोटे वाहन दौड़ते दिखे लेकिन 7 बजे से लेकर देर शाम तक नजारा बदला हुआ था। शहर में खामोशी इस कदर थी कि कोई तेज आवाज दे तो दूर तक सुनाई पड़ जाए। लेकिन जनता कर्फ्यू के दौरान पूरा जिला सन्नाटे के आगोश में समाया रहा।

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