बोले मैनपुरी: हरियाली तीज आई रे, लेके हर्ष हजार
Mainpuri News - हरियाली तीज के मौके पर महिलाएं सजने और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। मेहंदी का विशेष महत्व है, जो सुहाग का प्रतीक है। महिलाएं सामूहिक गीत-संगीत में भाग लेती हैं और परंपराओं को जीवित रखने का...

मैनपुरी। हरियाली तीज के मौके पर महिलाओं को सजने और संवरने का भरपूर मौका मिलता है। सुहाग की लंबी उम्र की कामना करने के लिए महिलाएं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को खुश करने के लिए धार्मिक जतन तो करती ही हैं साथ ही परिवार की उन्नति के लिए प्रार्थना करती हैं। हरियाली तीज के मौके पर झूला और मल्हार के साथ गीत संगीत का जो डोर शहरी महिलाओं में चलन में आ रहा है, उसके एक नहीं बल्कि कई फायदे निकल कर सामने आ रहे हैं। इसके जरिए एक तो सोसाइटी, गली, मोहल्लों की महिलाओं को एक साथ बैठने का मौका मिलता है साथ वही समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर भी मिल जाता है।
वरिष्ठ समाज सेविका आराधना गुप्ता बताती हैं कि हरियाली तीज का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह त्यौहार, परंपराओं को जीवित रखने के साथ-साथ हर्ष, उल्लास और परिवार के साथ खुशियां मनाने का भी बड़ा अवसर प्रदान करता है। हरियाली तीज पर मेहंदी का है बहुत बड़ा महत्व: हरियाली तीज पर मेहंदी रचाने का बहुत बड़ा महत्व है। यह सुहाग का प्रतीक तो है ही साथ ही महिलाओं को खूबसूरत बनाने का एक बड़ा जरिया है। जहां तक मेहंदी का सवाल है तो हरी मेहंदी के महिला हो या पुरुष सबके लिए कई फायदे हैं। मेहंदी बालों को प्राकृतिक रंगत देती है और त्वचा के संक्रमण को दूर करती है। बालों को मजबूत और चमकदार बनाती है। मेहंदी में एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल श्रोत अच्छा होता हैं। जो त्वचा की संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। मेहंदी शरीर की गर्मी और बेचैनी से भी राहत देती है। विवाहित महिलाएं हाथों और बालों पर मेहंदी लगाती है इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि यह उन्हें सुंदर सुरक्षित बनाने में मदद करती है। हरियाली तीज के मौके पर मेहंदी का बड़ा महत्व है। महिलाएं घरों में, ब्यूटी पार्लरों पर मेहंदी लगाने के लिए पहुंचती हैं। पहले सस्ती वस्तु थी। लेकिन अब तो डिजाइन से जुड़ी मेहंदी लगवाने के लिए 500 से 10 हजार रुपये तक लिए जाते हैं। सावन के महीने में लोग भागवत कथा और सामूहिक गीत का आयोजन भी करते हैं। जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं और एक दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं देने के लिए कई तरीके की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता हैं। जिसमें महिलाएं बढ़ चढ़कर भाग लेती हैं। - सुमन दिवाकर ग्रामीण अंचलों में महिलाएं हरियाली तीज का पर्व ढोलक बजाकर सावन के महीने में शिव मंदिर पर पहुंचकर सुबह-शाम भव्य आरती और कीर्तन का आयोजन करती हैं। जिससे सभी महिलाओं को भगवान शिव-पार्वती के गीत भजन सुनते हुए उनके प्रतीक आस्था बढ़ सके। - प्रियंका चौहान हरियाली तीज पर पूजा अर्चना करने के साथ-साथ भगवान शुभ और पार्वती की कथा का भी आयोजन किया जाता है। जिससे पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आए और कभी भी अपने पति से किसी भी गलत व्यवहार की अपेक्षा ना करें और अपने पति की दीर्घायु की कामना करें। - श्रेया यादव एक माह पहले से ही हरियाली तीज की तैयारी भी शुरू हो जाती हैं। घरों में साफ सफाई और महिलाओं की कपड़े की खरीदारी की जाती है। जिसमें सर्वाधिक हरे रंग की महत्वता अधिक मानी गई है। कोई भी विवाहित सबसे पहले हरी साड़ी और हरी चूड़ी की खरीददारी करती है। - नेहा हरियाली तीज की महत्वता सदियों से चली जा रही है। जिसको लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी पर्व को मनाने को महिलाएं एक दूसरे को सभी परंपरागत पुरानी रीति रिवाज से ही पर्व को मनाने को एक दूसरे को जागरुक भी कर रहे हैं। जिससे हर गली हर मोहल्ले में बनाकर हरियाली तीज की पूजा की जाती है। - सुदेश कुमारी हरियाली तीज और रक्षाबंधन पर नव दुल्हन नए वस्त्र खरीदती हैं वह भी हरे रंग की चूड़ियां खरीदने की भी रस्म पूरी की जाती है। नई दुल्हन से ही सभी शुभ कार्य कराए जाते हैं। हरियाली तीज पर हाथों में मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। इसको भी निभाया जाता है व पूरा श्रृंगार भी किया जाता है। - रजनी दिवाकर हरियाली तीज के पर्व पर एकत्रित होकर भगवान शिव की जहां आराधना करते हैं तो वही भगवान शिव पार्वती को लेकर भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। सभी महिलाएं एक समूह बनाकर पूजा अर्चना करती हैं और इस दिन का सावन के महीने में महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। - नीलम वर्मा ब्यूटी पार्लर पर सजना और सवारने के लिए भी महिलाएं हरियाली तीज के पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण मानती हैं। जिस पर सजना सवारने के लिए ब्यूटी पार्लर पर महिला और युवतियों को एक साथ मेहंदी लगवाने व सजना संवारना हरियाली तीज तीज का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा सके। - शालिनी सिंह हरियाली तीज पर अब गांव क्षेत्र में और शहरों में अब झूले की रीति रिवाज भी खत्म हो गया है। कहीं कहीं हरियाली तीज पर पुरानी रीति रिवाज के हिसाब से ही इस त्यौहार को मनाया जाता है। अत्याधिक महिलाएं अपने घरों में ही आज भी झूले डालकर एक दूसरे को झूला झुलाती हैं। - अंजली सावन के महीने में रक्षाबंधन से पहले हरियाली तीज का पर्वत है। हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से बनाने के लिए महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और उसके बाद प्रसाद भगवान शंकर को भोग लगाने के बाद सभी महिलाएं एक दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं देती हैं। - वैष्नवी माथुर शहर की ब्यूटी पार्लर पर अभी से ही महिलाएं और युवतियां हरियाली तीज को लेकर एडवांस बुकिंग कर रही हैं, क्योंकि मेहंदी का विशेष महत्व हरियाली तीज पर माना जाता है्र। जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़कर मेहंदी लगाने के लिए ब्यूटी पार्लर पर पहले से ही अपनी बुकिंग कर रही ह हैं ताकि उन्हे कोई परेशानी न हो। - अंजू सिंह सावन के महीने में हरियाली तीज के ऊपर को लेकर महिलाएं 10 दिन पहले ही बाजार में खरीदारी करने के लिए पहुंचती है। यहां हरी चूड़ी और साड़ी की अधिक बिक्री होती है और महिलाओं को यह कलर बहुत ही लुभा रहे हैं। हरियाली तीज पर हरे रंग का बड़ा ही महत्व माना गया है। - पायल
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