दो अधूरे तटबंध बाढ़ नियंत्रण की कमजोरी बने
सिंचाई विभाग गंगा की बाढ़ रोकने के लिए हर वर्ष लाखों रुपये खर्च करता है। उसके बाद भी कटरी क्षेत्र में नुकसान नहीं रुक रहा है। पटियाली के असदगढ़ और...
सिंचाई विभाग गंगा की बाढ़ रोकने के लिए हर वर्ष लाखों रुपये खर्च करता है। उसके बाद भी कटरी क्षेत्र में नुकसान नहीं रुक रहा है। पटियाली के असदगढ़ और न्यौली तटबंध अधूरे होने से बाढ़ का प्रभाव दर्जनों गांवों में पढ़ता है। फसलें जलमग्न होती हैं। गंगा की बाढ़ का पानी आबादी क्षेत्रों तक पहुंचता है।
जिले में गंगा की बाढ़ को रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने असदगढ़ और न्यौली तटबंध को पूरा करने के लिए प्रस्ताव भी भेजे लेकिन उन पर कोई भी पहल न होने से तटबंध का निर्माण नहीं हुआ। सिंचाई विभाग ने इन दोनों तटबंधों को पूरा करने के जो प्रस्ताव शासन को भेजे थे। शासन ने इन प्रस्तावों पर आपत्ति लगाकर वापस कर दिया। असदगढ़ तटबंध का निर्माण करीब दो करोड़ रुपये से होगा। जबिक न्यौली तटबंध पर करीब 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस धनराशि में तटबंध में आने वाली भूमि के अधिग्रहण की धनराशि भी है। सिंचाई विभाग इन प्रस्तावों को दोबारा भेजने की बात कह रहा है।