छात्राओं ने दर्जिनिया ताल और टेल फॉल का किया भ्रमण
Maharajganj News - सोहगीबरवा सेंक्चुरी में वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया गया। इस दौरान वन्यजीव प्रेमियों और छात्रों ने बर्ड वॉचिंग का लुफ्त उठाया और प्रवासी पक्षियों की पहचान की। कार्यक्रम का उद्देश्य जल स्रोतों और...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। सोहगीबरवा सेंक्चुरी में वर्ल्ड वेटलैंड व बर्ड वॉचिंग डे मनाया गया। इस दौरान वन्यजीव प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञ विभिन्न जलाशयों और वेटलेंड में जाकर स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की पहचान किया। पक्षियों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया।
सोहगीबरवा सेंक्चुरी के सभी सात रेंज में रविवार को वर्ल्ड वेटलैंड दिवस मनाया गया। इस दौरान पक्षी प्रेमियों व छात्रों ने बर्ड वॉचिंग का भी लुफ्त उठाया। वन विभाग के आमंत्रण पर स्कूली बच्चे तालों के किनारे पहुंचे। दूरवीन के माध्यम से चिड़ियों की सतरंगी दुनिया को दिखाया गया। विशेषज्ञों ने प्रवासी पक्षियों समेत अन्य चिड़ियों के बारे में जानकारी दिया। पारिस्थितिकी तंत्र में वेटलेंड की उपयोगिता व पक्षियों के महत्सव को बताया गया।
डीएफओ निरंजन सुर्वे के निर्देश पर वर्ल्ड वेटलैंड डे के अवसर पर रविवार को निचलौल वन क्षेत्र की टीम ने रेंजर सुनील राव के नेतृत्व में सरस्वती देवी महिला पीजी कॉलेज-टिकुलहियां, निचलौल की छात्राओं को दर्जनिया ताल और टेल फॉल नदी के तट पर भ्रमण कराया। इस दौरान छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के पौधों, पक्षियों व जानवरों के विषय में जानकारी भी प्राप्त की। इस अवसर पर निचलौल सुनील राव अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। कॉलेज के प्राचार्य श्यामबिहारी अग्रवाल, विज्ञान संकाय के अध्यक्ष अशोक तिवारी, प्रवक्ता रामकेश चौधरी, डिम्पल पटेल, विपुल तिवारी व रुक्मिणी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहीं।
सिगरैना व दर्जिनिया ताल समेत जिले में हैं 180 वेटलैंड
वन क्षेत्र से आच्छादित जिले में 180 से अधिक वेटलैंड हैं। जहां विभिन्न प्रकार की प्रवासी पक्षियों का कलरव सुनने को मिलता है। सेंक्चुरी क्षेत्र के अंदर दर्जिनिया ताल, सिगरैना ताल के अलावा हरिहरपुर, परगापुर ताल समेत कुल 20 ऐसे वेटलैंड हैं जिनका क्षेत्रफल दो हेक्टेयर से अधिक भूभाग में फैला हुआ है। दर्जिनिया ताल मगरमच्छों के लिए मशहूर हैं। वहीं उत्तरी चौक रेंज का सिगरैना ताल प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल हैं। इन जलाशयों में साइबेरियन क्रेन, ग्रे हेरॉन, पेलिकन, स्पूनबिल, किंगफिशर, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, बार-हेडेड गूज और अन्य कई पक्षी पाए जाते हैं। जलस्रोत का बड़ा भंडारण क्षेत्र होने की वजह से यहां वन्यजीव बहुतायत नजर आते रहते हैं। वन विभाग ने जंगल सफारी के प्रस्तावित दूसरे सर्किट में सिगरैना ताल को भी दर्शनीय स्थल के रूप में शामिल किया है।
जिले में रविवार को वेटलैंड (आर्द्रभूमि) दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसका उद्देश्य जल स्रोतों और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। वेटलैंड दिवस और बर्ड वॉचिंग डे केवल उत्सव नहीं, बल्कि प्रकृति और जैव विविधता की सुरक्षा का संकल्प है। हम सभी को अपने जल स्रोतों और वन्यजीवों की रक्षा करनी होगी, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण सुरक्षित रह सके।
निरंजन सुर्वे-डीएफओ
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