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मांगों को लेकर कार्यकर्त्रियों ने भरी हुंकार, शुरू किया धरना

हिन्दुस्तान टीम, महराजगंज मानदेय बढ़ाने, नियमित करने समेत अपनी कई मांगों के लेकर आंगनबाड़ी...

मांगों को लेकर कार्यकर्त्रियों ने भरी हुंकार, शुरू किया धरना
हिन्दुस्तान टीम,महाराजगंजThu, 02 Dec 2021 05:02 PM
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हिन्दुस्तान टीम, महराजगंज

मानदेय बढ़ाने, नियमित करने समेत अपनी कई मांगों के लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसएिशन के बैनर तले गुरुवार को जिला मुख्यालय पर आवाज बुलंद की। बेमियादी धरना शुरू कर मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र प्रशासन को दिया। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष छाया भारती एवं जिला संरक्षक राधेश्याम मौर्या ने की।

इस दौरान जिला संरक्षक राधेश्याम मौर्या ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार मानदेय बढ़ोतरी की घोषणा की गई। लेकिन अभी तक एक भी रुपया कार्यकर्त्रियों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया। जबकि 2017 के चुनावी संकल्प पत्र में बीजेपी द्वारा यह कहा गया था कि सन्तोषजनक मानदेय दिया जायेगा। मुख्यमंत्री द्वारा मंचों द्वारा दस हजार मानदेय की घोषणा की गयी थी। लेकिन उसको भी पूरा नहीं किया गया। 22 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1500 रुपये की बढोत्तरी की घोषणा की गयी, लेकिन उसे भी पूरा नहीं किया गया। मजबूर होकर कार्यकर्त्रियों को हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। यदि सात दिसम्बर तक मानदेय की बढोत्तरी नहीं की जाती है तो संगठन को मजबूर होकर विधानसभा का घेराव करना पड़ेगा।

जिलाध्यक्ष छाया भारती ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार छलावा किया जा रहा है तथा कार्यकत्रियों के उपर काम के बोझ बढ़ाये जा रहे हैं। इसमें बीएलओ, जातिगत जनगणना, पोलियो, बीएचएनडी, चुनाव ड्यूटी, कोविड-19 ड्यूटी व स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी कार्यों को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के माध्यम से कराया जाता है लेकिन उन कार्यों के बदले कार्यकत्रियों को अलग से कोई प्रोत्साहन राशि व मानदेय नहीं मिलता। सरकार द्वारा कोरोना काल में ड्यूटी कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के परिवार को मृत्योपरान्त 50 लाख अनुदान देने की बात कही गई थी, लेकिन किसी भी मृत कार्यकर्त्री के परिजन को अंशदान प्राप्त नहीं हुआ। इस दौरान राजमती देवी, मीरा, संगीता, अख्तरजहा, सरोज जायसवाल, ज्ञानमती, शोभा, नाजमा, निर्मला, रूबा, प्रमिला, जावित्री, रिवा मौर्या, पुष्पा, सरोज राय, प्रवेज आलम, सैनी, इस्तखार खॉन उर्फ टुनटुन, खदेरू, भानू शुक्ला, भागवत गौड़, दिलीप सिंह, आदि मौजूद रहे।

ये हैं मांगें

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों एवं सहायिकाओं की सेवा नियमावली बनाई जाए।

कार्यकर्त्रियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। जब तक यह संभव नहीं है तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18,000 प्रतिमाह तथा सहायिकाओं को रुपया 9000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाए।

10 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को योग्यता के आधार पर प्रतिवर्ष मुख्य सेविका के पद पर पदोन्नति दी जाए, जब तक पदोन्नति नहीं हो पाती तब तक मुख्य सेविका के बराबर मानदेय दिया जाए।

62 वर्ष पार कर चुकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना पेंशन व ग्रेजुएटी के सेवा निर्मित कर दिया गया है उन्हें पेंशन व ग्रेच्युटी देकर सेवा निवृत्त किया जाए।

मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को सामान्य आंगनबाड़ी के बराबर मानदेय जाए।

प्रदेश में लगभग 65000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का माह नवंबर तथा दिसंबर 2017 के रुके हुए मानदेय का तत्काल भुगतान कराया जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को रुपया 500 तथा सहायिकाओं रुपया 200 की वार्षिक मानदेय वृद्धि करते हुए ईपीएफ योजना का लाभ दिया जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए बेहतर फोन, मोबाइल बैलेंस व सिम दिया जाए।

मातृ समिति अध्यक्षा के सह खाते में पोषाहार का पैसा भेजा जाए।

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