घुघली-महराजगंज-आनंदनगर रेल लाइन का सर्वे शुरू
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। फरेंदा-महराजगंज-घुघली नई रेल लाइन परियोजना के लिए मंगलवार से लिडार...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम।
फरेंदा-महराजगंज-घुघली नई रेल लाइन परियोजना के लिए मंगलवार से लिडार (लाइट डिटेक्शन एण्ड रेजिंग) सर्वे शुरू हो गया। पीएम गतिशक्ति योजना के तहत स्वीकृति के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने टेंडर जारी किया। टेंडर के बाद स्काई लार्क एजेंसी को सर्वे का वर्क आर्डर रेलवे ने जारी किया है। मंगलवार को सर्वे एजेंसी ने घुघली व महराजगंज के बीच सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया। सर्वे के बाद रेलवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
घुघली से महराजगंज व आनंदनगर तक 52.7 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी। रेल लाइन बन जाने से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर तक आवागमन का रास्ता आसान हो जाएगा। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के प्रयास के बाद रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 958.27 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट में सिविल कार्य के लिए 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18.17 करोड़ और इलेक्ट्रिकल कार्यों के लिए 64.26 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।
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रेलवे से जुड़ने के बाद कारोबारी गतिविधियों में होगा इजाफा :
महराजगंज जिले की उत्तरी सीमा नेपाल और दक्षिणी गोरखपुर से मिलती है। जबकि, पूर्वी सीमा पर बिहार और पश्चिमी सीमा सिद्धार्थनगर जिले से लगी हुई है। इस नई रेललाइन के बन जाने से 11 नगर निकायों वाले इस जिले की कारोबारी गतिविधियों को बल मिलेगा। नारायणी, गंडक, राप्ती, चंदन, प्यास, घोंघी और डंडा जैसी नदियों के किनारे बसे यहां के लोगों के लिए रेल लाइन वरदान साबित होगी। इस नए ट्रैक के बन जाने से बिहार से गोरखपुर होते बरेली-दिल्ली की तरफ जाने वाली मालगाड़ियां गोरखपुर न आकर घुघली चली जाएंगी। इससे मालगाड़ियों का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। कारोबारी गतिविधियों को बल मिलेगा।
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कैसे काम करती है लिडार तकनीक :
किसी भी रेल प्रॉजेक्ट का ग्राउंड सर्वे काफी पेचीदा और मुश्किल होता है, क्योंकि सर्वे में प्रस्तावित ट्रैक और उसके आस-पास के पूरे इलाके के बारे में बेहद सटीक आंकड़ों की ज़रूरत होती है। लिडार सर्वे तकनीक में लेजर डेटा, जीपीएस डेटा, फोटोग्राफ़्स का सम्मिलित उपयोग किया जाता है। लिडार सेंसर, लेजर बीम का उपयोग करके जमीन की सतह को स्कैन करता है और कुछ सेमी की सटीकता के साथ आंकड़ा जुटाता है। इस तकनीक को अपनाने से सर्वेक्षण कार्य में तेजी आएगी, जिससे काफी समय की बचत होगी और जमीनी विशेषताओं के हर मिनट को भी रिकॉर्ड किया जा सकेगा। घुघली-महराजगंज-आनंदनगर रेल लाइन परियोजना के सर्वेक्षण के लिए लेजर उपकरणों से होने वाली लाईट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से रेल लाइन से सम्बंधित सभी जरूरी निर्माण के लिए स्थान चिह्नित किए जाएंगे, जिनमें वर्टिकल और हॉरिजांटल एलाइनमेंट, डिजाइनिंग, स्ट्रक्चर्स, स्टेशन, कॉरिडोर के लिए आवश्यक जमीन के अलावा प्रॉजेक्ट से सम्बंधित अन्य निर्माण और प्लॉट्स शामिल हैं।
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एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि घुघली-महराजगंज-आनंनगर रेल लाइन के लिए मंगलवार से सर्वे शुरू हो गया है। घुघली-महराजगंज के बीच सर्वेक्षण हो गया है। सर्वे पूरा होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
