Kidney Patients in Maharajganj Face Long Wait for Dialysis as Numbers Surge तीन शिफ्ट में नहीं हो पा रही थी डायलसिस, अब एक शिफ्ट बढ़ेगा, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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तीन शिफ्ट में नहीं हो पा रही थी डायलसिस, अब एक शिफ्ट बढ़ेगा

Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में किडनी पीड़ितों की संख्या में हर दिन इजाफा हो

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजMon, 14 April 2025 11:19 AM
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तीन शिफ्ट में नहीं हो पा रही थी डायलसिस, अब एक शिफ्ट बढ़ेगा

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में किडनी पीड़ितों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। हालत यी हो गई है कि तीन शिफ्ट डायलसिस की सुविधा होने के बाद भी पीड़ितों को नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है। इससे पीड़ितों को काफी परेशानी हो रही हैं। शिकायत पर अस्पताल प्रशासन सख्त हो गया है। कार्यदायी संस्था को चार शिफ्ट में डायलसिस सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अस्पताल प्रशासन के सख्ती पर कार्यदायी संस्था डायलसिस सेंटर भवन पर दूसरी मंजिल बनाने के लिए कोशिश तेज कर दी है।

जिला अस्पताल परिसर में 13 बेड का डायलसिस सेंटर संचालित है। एक बार में 13 पीड़ितों का डायलसिस किया जा सकता है। लेकिन किडनी पीड़ितों में हर दिन इजाफा होने से दो शिफ्ट के बाद तीसरा शिफ्ट शुरू करना पड़ा। इसके बाद भी सभी पीड़ितों का समय से डायलसिस नहीं हो पा रही है। हालत ये हो गई है कि नए किडनी पीड़ितों को डायलसिस कराने के लिए अपने नंबर का इंतजार करना पड़ रहा है। शिकायत पर अस्पताल प्रशासन ने कार्यदायी संस्था को बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही चार शिफ्ट में डायलसिस करने का निर्देश दिया। अस्पताल प्रशासन की सख्ती पर कार्यदयी सस्था ने चार शिफ्ट में डायलसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोशिश तेज कर दी है।

चार घंटे में किडनी पीड़ितों की पूरी होती है डायलसिस

किडनी पीड़ितों की डायलसिस होने पर चार घंटे लगते हैं। चार घंटे में एक शिफ्ट पूरा होता है। ऐसे में पूरे दिन में सिर्फ तीन शिफ्ट में 39 पीड़ित की डायलसिस हो रही हैं।

सप्ताह में दो बार कराना पड़ रहा डायलसिस

किडनी की बीमारी बढ़ने से अधिकांश पीड़ितों को सप्ताह में दो बार डायलसिस कराना पड़ रहा है। ऐसे में नए किडनी पीडितों को नि:शुल्क डायलसिस की सुविधा मिलना मुश्किल हो गया है।

डायलसिस सुविधा पूरी तरह है नि:शुल्क

जिला असपताल परिसर में संचालित डायलसिस सेंटर में पीड़ित को डायलसिस कराने के लिए कोई शुल्क नही देना है। यहां तक आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन भी नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है। जबकि प्राइवेट में डायलसिस कराने के लिए हर बार 2500 रुपये तक देना पड़ता है।

किडनी पीड़ितों को समय पर डायलसिस कराना जरूरी होता है। कार्यदायी संस्था को चार शिफ्ट में डायलसिस शुरू करने का निर्देश दिया गया है। कार्यदायी संस्था डायलसिस भवन पर दूसरी मंजिल बनाने की बात कर रही हैं। बहुत जल्द दूसरी मंजिल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग हर रोज की जा रही है।

डॉ. एके द्विवेदी, सीएमएस जिला अस्पताल

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