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महराजगंज में पत्नी को कमरे में बंद कर गया पति, 19 दिन बाद पुलिस ने निकाला

महराजगंज के सिसवा कस्बे में दिल दहला देने वाला वाकया शनिवार को सामने आया। एक महिला को उसके ही घर से पुलिस ने 19 दिन बाद कमरे का ताला तोड़कर बाहर निकाला। महिला का पति उसे कमरे में बद कर अपने पिता का...

महराजगंज में पत्नी को कमरे में बंद कर गया पति, 19 दिन बाद पुलिस ने निकाला
हिन्दुस्तान टीम,महाराजगंजSun, 17 Nov 2019 01:12 AM
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महराजगंज के सिसवा कस्बे में दिल दहला देने वाला वाकया शनिवार को सामने आया। एक महिला को उसके ही घर से पुलिस ने 19 दिन बाद कमरे का ताला तोड़कर बाहर निकाला। महिला का पति उसे कमरे में बद कर अपने पिता का इलाज कराने गोरखपुर चला गया था। महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से मानसिक रोग के इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया।

सिसवा के रेलवे स्टेशन रोड निवासी दीपक जायसवाल के पिता राधेश्याम की दिवाली के दिन 27 अक्तूबर को तबीयत खराब हुई। बताया जा रहा है कि 28 अक्तूबर को दीपक उनका इलाज कराने के लिए गोरखपुर लेकर चला गया। जाने से पहले उसने मानसिक रूप से बीमार अपनी पत्नी प्रीति को कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया। इधर, राधेश्याम का एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन होने के चलते दीपक गोरखपुर में ही रुक गया। उसके साथ उसके दो छोटे बेटे भी गए थे। इस दौरान उसकी पत्नी प्रीति कमरे में भूखी-प्यासी कैद रही।

शनिवार दोपहर बाद करीब 2 बजे प्रीति किसी तरह घिसटते हुए दरवाज़े के पास पहुंचकर नीचे से अपना पैर निकालकर दरवाजा पीटने लगी। इस पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। मोहल्ले के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर सिसवा चौकी प्रभारी महेंद्र यादव व यूपी 100 के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घर का ताला तोड़कर उसे सिसवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां प्रीति का इलाज करने वाले इमरजेंसी के डॉ. आशीष राय ने बताया कि महिला की हालत बहुत खराब नहीं है। लेकिन यहां मानसिक रोग विशेषज्ञ न होने के कारण उसे मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया है।

मानसिक रूप से बीमार थी महिला, पति बोला बीच-बीच में आता रहता था

महिला के पति के अनुसार उसकी पत्नी प्रीति मानसिक रूप से बीमार है। गोरखपुर के एक मानसिक रोग विशेषज्ञ के यहां इलाज चल रहा है। पिता के इलाज के कारण वह मजबूरी में उसे छोड़कर आया था। बीच-बीच में आकर दवा और खाने-पीने की भी व्यवस्था करता रहा है। दो दिन पहले भी वह आया था और खाना-पानी देकर वापस गया था। शनिवार को पता चला है कि उसकी तबीयत खराब हो गई है। वह उसके पास जा रहा है। पड़ोसियों ने भी प्रीति के बीमार रहने की तस्दीक की। प्रीति का मायका पडरौना में है।

अंदर से भी बंद था दरवाजा

पुलिस ने सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में ताला तोड़ा तो दरवाज़ा अंदर से भी बंद था। इस पर नीचे से दरवाजे को फैलाकर एक लड़के ने अंदर घुसकर दरवाज़ा खोला। महिला की हालत बेहद खराब थी और वह बोल नहीं पा रही थी।

हर कोई स्तब्ध

इस घटना से वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। इसलिए भी कि अगल-बगल के लोगों को भी पता नहीं चल पाया। जब कमरा खुला तो वहां खाने-पीने का कोई सामान नहीं था। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कमरे के अंदर बाथरूम में भी वह किसी तरह घिसटकर जाती रही होगी।

तहरीर मिली तो कार्रवाई करेगी पुलिस

कोठीभार के प्रभारी निरीक्षक शुभनारायन दुबे का कहना है कि महिला के पति ने बताया कि दो दिन पहले वह घर आया था। चूंकि उसकी पत्नी मानसिक रोगी है, इसलिए संभवत: उसने दवा नहीं खाई होगी। भूख-प्यास व दवा के अभाव में काफी कमजोर हो गई है। इस मामले में अगर पीड़िता के पक्ष से कोई तहरीर मिलेगी तो कानूनी कार्रवाई होगी।

किसी को कमरे में बंद कर देने पर आईपीसी की धारा 342 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है। लेकिन ऐसे मामलों में पीड़िता के पक्ष से तहरीर मिलना जरूरी है। तहरीर मिली तो कार्रवाई होगी।

रणविजय सिंह, सीओ, निचलौल

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