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बाढ़ ने मचाई तबाही, खून के आंसू रो रहे हैं किसान

महराजगंज। हिन्दुस्तान टीम पांच दिनों तक हुए मानसूनी बारिश ने जिले में तबाही मचा...

बाढ़ ने मचाई तबाही, खून के आंसू रो रहे हैं किसान
हिन्दुस्तान टीम,महाराजगंजFri, 18 Jun 2021 09:20 PM
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महराजगंज। हिन्दुस्तान टीम

पांच दिनों तक हुए मानसूनी बारिश ने जिले में तबाही मचा दी है। मौसम तो साफ हो गया है, लेकिन नदियों का पानी भरा होने से ग्रामीणों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में अब ठूठीबारी व सोनौली क्षेत्र के किसान खून के आंसू रो रहे हैं। क्षेत्र के कई गांव बारिश के पानी से टापू बन गए हैं। वाल्मीकि नगर गंडक बैराज पर डिस्चार्ज सामान्य हुआ है और नदियों का जलस्तर कम हुआ है, लेकिन नेपाल के पहाड़ों से पानी पहुंचने से रोहिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अभी भी उपर है।

पानी से घिरा आराजी बैरिया गांव

ठूठीबारी। ठूठीबारी क्षेत्र में बरसात थम गई है। पर ठूठीबारी के टोला आराजी बैरिया के ग्रामीणों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है, जिससे गांव टापू की तरह दिखाई दे रहा है। अधिकतर ग्रामीणों ने रोपाई भी कर दी है। ऐसे में उन्हे फसल डूबने की चिंता सता रही है। वहीं कई किसान तो नया बेहन डालने के चक्कर में हैं। गांव के चारों तरफ नजर डाले तो बाढ़ के पानी के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है। इस बाढ़ के पानी के निकलने का एक ही जरिया है चंदन नदी। चंदन नदी में जैसे ही पानी का जलस्तर कम होगा वैसे ही इस सिवान का पानी उसी में गिर जाएगा। ऐसे में ग्रामीणों को चंदन नदी नदी के जलस्तर घटने का इंतजार है। वहीं ग्राम भरवलिया का सिवान भी पानी से लबालब भरा हुआ है। सैकड़ों किसानों की फसल पांच दिनों से डूबी हुई है। कमोबेश यही हालात चटिया, माधव नगर तुरकहिया, लक्ष्मीपुर खुर्द, लक्ष्मीपुर कला, कड़ाजा, मोहम्मदपुर, लालपुर, बसंतपुर आदि गांवों का भी है। ये सब भौरहिया और चंदन नदी के त्रासदी का कहर है।

बघेला नाला की चपेट में आए दर्जनों गांव हुए तबाह

भगवानपुर। परसामलिक क्षेत्र में नेपाल के पहाड़ से निकला बघेला नाला रेहरा गांव से दक्षिण से निकलकर बेलभार, मनिकौरा, गंगवलिया, करौता होते हुए जंगल में चली जाती है। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण बघेला नाला ऊफान पर आ गया है। जिसकी चपेट में दर्जनों गांवों के किसान तबाह हो गए हैं। दर्जनों गांवों का सीवान जलमग्न हो गया है। धान की रोपाई के लिए गिराया गया बेहन भी पानी में डूबा हुआ है। क्षेत्र के रेहरा, महुलानी, बेलभार, मनिकौरा, भटोलिया, परसा, विषखोप, श्रीराम पुर, गंगापुर, गंगवलिया, जिगिना, करौता, बरनहवा, चुडिहारी, आजाद नगर, मनिकापुर, चकदह, बेलभार, बेलहिया, घरोही, महुलैना गांव के ग्रामीण राजेन्द्र यादव, मनोज यादव, वृजेश पटेल, चन्द्रिका गुप्ता, अनिल यादव, रवि भूषण सिंह, राजेश सिंह, पिन्टू सिंह, सरीफ, राकेश पटेल, शिवेन्द्र यादव का कहना है कि बाढ़ की तबाही से धान का बीज बर्बाद हो गया है। धान की रोपाई का संकट सामने खड़ा है। सीवान में पानी भरा हुआ है। बाढ़ से सड़कें टूट कर बर्बाद हो रही हैं।

महाव के पानी से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी

बरगदवा। पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के कारण महाव नाले में आई बाढ़ से दो दर्जन से अधिक गांवों भी पानी आफत बनकर टूट चुका है। बारिश से मंगलवार को ही महाव नाला चार स्थानों पर टूट गया है, जिसमें खैरहवा दुबे, अमहवा, विशनपुरा में तटबंध टूट गए हैं। जिससे किसानों की धान की नर्सरी बर्बाद हो गई है। वहीं अधिकतर किसानों की धान की रोपाई भी पूरी तरह से नष्ट हो गया। महाव नाले से प्रभावित ग्राम खैरहवा दुबे, कोहरगड्डी, दोगहरा, विशनपुरा, अमहवा, पिपरहिया, सवनहवा, जहरी, महरी,घोडहवा आदि कई ग्राम पंचायतें हैं, जो हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका को झेलती हैं। लेकिन इस समस्या पर अधिकारियों का ध्यान नहीं जाता है।

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