महराजगंज में नृत्य और भजन से भगवान को रिझाने का किया जतन:VIDEO
महराजगंज के सोनौली स्थित सन्यास आश्रम में शुक्रवार को भगवान विष्णु और तुसली जी का विवाह आयोजित हुआ। विधि-विधान से एकादशी के अवसर पर हुए इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने नृत्य और भजन के जरिए भगवान को...
महराजगंज के सोनौली स्थित सन्यास आश्रम में शुक्रवार को भगवान विष्णु और तुसली जी का विवाह आयोजित हुआ। विधि-विधान से एकादशी के अवसर पर हुए इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने नृत्य और भजन के जरिए भगवान को रिझाने का जतन किया। तुलसी विवाह के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
सन्यास आश्रम के कोठारी महंत स्वामी अखिलेश्वरानंद ने इसके महात्म्य का वर्णन किया। कहा कथा मिलती है कि जिस स्थान पर वृंदा सती हुईं, उसी जगह पर तुलसी का पौधा उत्पन्न हुआ। चूंकि उसी स्थान पर वृंदा सती हुई थीं तो इसलिए तुलसी का एक नाम वृंदा भी हुआ। कहते हैं कि जब वृंदा ने श्री विष्णु को शाप दिया तो उसी समय उन्होंने भी वृंदा से कहा कि वह उनके सतीत्व का आदर करते हैं। लेकिन वह तुलसी के रूप में सदा-सर्वदा उनके साथ रहेंगी।
इसके साथ ही भगवान विष्णु ने कहा कि जो मनुष्य कार्तिक एकादशी के दिन तुम्हारे साथ मेरा विवाह करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी। इसके बाद से ही इस शुभ तिथि पर शालिग्राम और तुलसी के विवाह की पंरपरा शुरू हुई। यही नहीं श्री हरि की पूजा में भी तुलसी को विशेष स्थान प्राप्त है। बिना तुलसी दल के विष्णु जी की पूजा भी पूर्ण नहीं होती। कार्यक्रम मे स्वामी विवेकानंद, उमेश कंसारा, राजेश शुक्ला, हरनारायण, शांति, राजन, मीना बेन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।