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महराजगंज के मधवलिया गो-सदन की जांच करने पहुंचे आयुक्त ग्राम्य विकास, ग्राम प्रधानों से कही ये बात: VIDEO

महराजगंज के मधवलिया स्थित गो-सदन में दो महीने पहले गो वंशीय पशुओं की संख्या में आई कमी की जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को आयुक्त ग्राम्य विकास के. रविन्द्र नायक गोसदन पहुंचे और दो घंटे तक गो-सदन की...

महराजगंज के मधवलिया गो-सदन की जांच करने पहुंचे आयुक्त ग्राम्य विकास, ग्राम प्रधानों से कही ये बात: VIDEO
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,महराजगंज Thu, 12 Dec 2019 08:55 PM
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महराजगंज के मधवलिया स्थित गो-सदन में दो महीने पहले गो वंशीय पशुओं की संख्या में आई कमी की जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को आयुक्त ग्राम्य विकास के. रविन्द्र नायक गोसदन पहुंचे और दो घंटे तक गो-सदन की गहनता से जांच की। आसपास के ग्राम प्रधानों से पशुओं की तस्करी के बारे में जानकारी भी ली। उन्‍होंने गो-सदन में भूसा, चारा, दवा आदि की उपलब्धता और साफ-सफाई की व्यवस्था देखी।

जांच के क्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास ने पशुओं की संख्या पूछी तो गो सेवकों ने बताया कि 772 पशु हैं। दो महीने में दो सौ पशुओं की बीमारी से मौत हुई है। मौके पर ग्राम मैरी के प्रधान भुलई यादव, ग्राम पिपरिया के प्रधान प्रतिनिधि शमशाद व ग्राम करदह के प्रधान प्रतिनिधि बृद्धिचन्द गौड़ से पूछा कि गोसदन से पशुओं की तस्करी भी हुई है। इस पर इन लोगों ने बताया कि यहां से पशुओं की तस्करी नहीं हुई है। आयुक्त ने दवा खरीद रजिस्टर, पशुओं के टैगिंग का रजिस्टर, भूसा रजिस्टर आदि देखा। इसके बाद काऊ शेड की साफ-सफाई व काऊ शेड के बीच कच्ची सड़क के गड्ढों को खड़ंजा कराने का निर्देश ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अभियंताओं को दिया।

आयुक्त ने बीडीओ निचलौल प्रमेन्द्र कुमार पांडेय को निर्देश दिया कि मनरेगा से गोसदन की पांच सौ एकड़ भूमि के चारों तरफ खाई खुदवाकर तार बाड़ से सुरक्षित कराएं। डिप्टी सीवीओ अवध बिहारी से दो महीने के अन्दर मरे हुए पशुओं के पोस्टमार्टम का रजिस्टर भी मांगकर देखा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में पशु चिकित्सकों ने बताया कि अधिकांश पशु गोरखपुर नगर निगम से आएं हैं, जिनके पेट से प्लास्टिक व कचरा निकला है।
आयुक्त ग्राम्य विकास ने बताया कि दो महीने पहले पशुओं की संख्या में आई कमी के हर पहलुओं की जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट शासन में भेजी जाएगी। 

दो महीने पहले कमिश्नर की जांच के बाद हुई थी कार्रवाई
दो महीने पहले कमिश्नर जयंत नार्लीकर की जांच के बाद शासन ने गोवंशियों की संख्या में अचानक हुई कमी पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए तत्कालीन डीएम अमरनाथ उपाध्याय, एसडीएम सत्यम मिश्र व देवेन्द्र कुमार, सीवीओ, डिप्टी सीवीओ व बीडीओ निचलौल को निलंबित किया था। उस समय अधिकारियों ने गोसदन में 2500 पशु होने की सूचना दी थी, जबकि गणना के बाद मौके पर एक हजार से भी कम पशु पाए गए थे।

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